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प्रयागराज का अनोखा रेलवे स्टेशन: टिकट खरीदते हैं, यात्रा नहीं करते

प्रयागराज का दयालपुर रेलवे स्टेशन एक अनोखी कहानी प्रस्तुत करता है, जहां लोग टिकट खरीदते हैं लेकिन यात्रा नहीं करते। यह स्टेशन पहले यात्रियों से भरा रहता था, लेकिन समय के साथ इसकी उपयोगिता कम हो गई। जानें कैसे स्थानीय निवासियों ने रेलवे को आवश्यक टिकटों की संख्या जुटाने की योजना बनाई ताकि स्टेशन बंद न हो। इस दिलचस्प कहानी में रेलवे के नियम और स्थानीय लोगों की मेहनत का जिक्र है।
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दयालपुर रेलवे स्टेशन की अनोखी कहानी

भारतीय रेलवे केवल रेल यात्रा या माल परिवहन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह कई प्रकार की सेवाएं प्रदान करता है। क्या आप जानते हैं कि पहले भारतीय रेलवे का बजट संसद में अलग से पेश किया जाता था? रेलवे लगभग 36 प्रकार की सेवाएं उपलब्ध कराता है। लेकिन एक रेलवे स्टेशन ऐसा है, जहां लोग टिकट खरीदते हैं, ट्रेनें आती हैं, लेकिन कोई यात्रा नहीं करता। यदि आपको यात्रा करनी है, तो आपको टिकट खरीदना होगा, जो आप ऑनलाइन या ऑफलाइन काउंटर से ले सकते हैं। बिना टिकट यात्रा करने पर जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है।


यह अनोखा रेलवे स्टेशन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दयालपुर में स्थित है। इस स्टेशन का निर्माण तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की सलाह पर किया गया था। धीरे-धीरे यहां ट्रेनें रुकने लगीं और आसपास के गांवों के लोग आने-जाने लगे। लेकिन समय के साथ, यात्रियों की संख्या में कमी आई, जिससे रेलवे ने इसे बंद करने का निर्णय लिया। रेलवे के नियमों के अनुसार, यदि एक दिन में 50 टिकट नहीं बिकते हैं, तो स्टेशन बंद कर दिया जाता है।


दयालपुर रेलवे स्टेशन को 50 साल बाद बंद कर दिया गया। इसके बाद स्थानीय लोगों को एहसास हुआ कि उन्हें रेलवे की आवश्यकता है, लेकिन कोई भी इसका उपयोग नहीं कर रहा था। 2006 में स्टेशन बंद होने के बाद, लोगों ने कई विरोध प्रदर्शन किए और 2020 में इसे फिर से शुरू करने की मांग की। फिर भी, कोई यात्रा नहीं कर रहा था।


इस समस्या का समाधान करने के लिए, दयालपुर के निवासियों ने एक योजना बनाई। उन्होंने तय किया कि वे रेलवे को आवश्यक टिकटों की संख्या जुटाएंगे और हर दिन उन्हें जारी करेंगे। उनका डर था कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, तो रेलवे स्टेशन फिर से बंद हो जाएगा। दयालपुर के लोग हर दिन 700 रुपये के टिकट जारी करते हैं, लेकिन इन टिकटों पर कोई यात्रा नहीं करता। यहां केवल एक ट्रेन आती है, और जो लोग यात्रा करते हैं, वे अलग से टिकट बनवाते हैं।