फिल्म '120 बहादुर' का नया टीज़र: वीरता और बलिदान की कहानी

फिल्म '120 बहादुर' का दूसरा टीज़र जारी
फिल्म '120 बहादुर' का नया टीज़र जारी: 1962 के भारत-चीन युद्ध की रेजांग ला की लड़ाई की वीरता और बलिदान की कहानी अब बड़े पर्दे पर जीवंत होने जा रही है। इस फिल्म का दूसरा टीज़र 28 सितंबर 2025 को लता मंगेशकर की जयंती पर रिलीज किया गया, जिसने हर भारतीय के दिल में गर्व और भावनाओं की लहर पैदा कर दी है।
रेजांग ला की लड़ाई का ऐतिहासिक महत्व
30 डिग्री की ठंड में अदम्य साहस: रेजांग ला की लड़ाई भारतीय सैन्य इतिहास का एक महत्वपूर्ण अध्याय है। 13वीं कुमाऊं रेजिमेंट की चार्ली कंपनी के 120 जवानों ने -30 डिग्री की ठंड में 3,000 से अधिक चीनी सैनिकों का सामना किया। मेजर शैतान सिंह भाटी के नेतृत्व में इन वीरों ने दुश्मन के लगभग 1,300 सैनिकों को मार गिराया। इस संघर्ष में 114 भारतीय जवान शहीद हुए, लेकिन उनका साहस हमेशा के लिए अमर हो गया।
टीज़र में लता मंगेशकर का गीत
टीज़र-2 में लता मंगेशकर के प्रसिद्ध गीत 'ऐ मेरे वतन के लोगों' की धुन सुनाई देती है। बर्फ से ढके पहाड़, गोलियों की आवाज़ और सैनिकों का साहस दर्शकों को उस समय में ले जाता है। निर्देशक रजनीश 'राजी' घई ने युद्ध के दृश्यों को इतनी बारीकी से प्रस्तुत किया है कि ऐसा लगता है जैसे इतिहास फिर से जीवित हो उठा हो।
फरहान अख्तर की वापसी
फरहान अख्तर का दमदार प्रदर्शन: यह टीज़र अगस्त में जारी पहले टीज़र का विस्तार है, जिसमें फरहान अख्तर का संवाद 'हम पीछे नहीं हटेंगे' गूंजा था। नए टीज़र में सैनिकों के दैनिक संघर्ष और उनके भाईचारे पर अधिक ध्यान दिया गया है। फिल्म में फरहान मेजर शैतान सिंह की भूमिका निभा रहे हैं।
120 वीर जवानों को श्रद्धांजलि
निर्माताओं की विशेष तैयारी: निर्माता रितेश सिधवानी, फरहान अख्तर (एक्सेल एंटरटेनमेंट) और अमित चंद्रा (ट्रिगर हैप्पी स्टूडियोज़) ने इस फिल्म को आईमैक्स फॉर्मेट में बनाया है, ताकि दर्शक युद्ध के मैदान की गहराई और तीव्रता को महसूस कर सकें। फिल्म '120 बहादुर' 21 नवंबर 2025 को रिलीज होगी, जो रेजांग ला युद्ध की 63वीं वर्षगांठ से ठीक तीन दिन पहले है।
प्रेरणादायक युद्ध-ड्रामा
यह फिल्म केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि उन 120 वीर जवानों को श्रद्धांजलि है, जिन्होंने लद्दाख की रक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। दर्शकों और आलोचकों का मानना है कि यह फिल्म साल की सबसे प्रेरणादायक युद्ध-ड्रामा साबित हो सकती है। निस्संदेह, यह गाथा हर भारतीय को गर्व से भर देगी और इतिहास का अनुभव कराएगी।