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फिल्म 'ट्रैप्ड': राजकुमार राव की अदाकारी और संघर्ष की कहानी

फिल्म 'ट्रैप्ड', जो विक्रमादित्य मोटवाने द्वारा निर्देशित है, आज भी दर्शकों के दिलों में एक खास स्थान रखती है। राजकुमार राव की अदाकारी और संघर्ष की कहानी इस फिल्म को एक अद्वितीय अनुभव बनाती है। जानें इस फिल्म की शूटिंग, बॉक्स ऑफिस सफलता और विवादित दृश्यों के बारे में।
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फिल्म 'ट्रैप्ड': राजकुमार राव की अदाकारी और संघर्ष की कहानी

फिल्म का परिचय


विक्रमादित्य मोटवाने द्वारा निर्देशित फिल्म 'ट्रैप्ड' आज भी दर्शकों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है। यह 2016 में रिलीज हुई एक सस्पेंस और इमोशन से भरी फिल्म है, जो दर्शकों को अपनी कहानी से बांध लेती है। फिल्म की कहानी राजकुमार नामक एक व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती है, जो जीवन की कठिनाइयों का सामना करते हुए हार नहीं मानता और अपने संघर्ष से जीत हासिल करता है। दिलचस्प बात यह है कि इस फिल्म में कोई महिला पात्र नहीं है, फिर भी यह एक बड़ी हिट साबित हुई।


राजकुमार राव का अद्वितीय प्रदर्शन

राजकुमार राव, जो बॉलीवुड के पारंपरिक हीरो की छवि से अलग हैं, अपनी बेहतरीन अदाकारी के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कई यादगार किरदार निभाए हैं, जो दर्शकों के दिलों में बस गए हैं। 'ट्रैप्ड' में उनकी अदाकारी ने फिल्म को एक नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया। यह फिल्म उनके करियर की एक महत्वपूर्ण कड़ी साबित हुई है।


फिल्म की त्वरित शूटिंग

विक्रमादित्य मोटवाने ने इस फिल्म की शूटिंग केवल 20 दिनों में पूरी की, जो किसी भी निर्देशक के लिए एक अद्भुत उपलब्धि है। फिल्म की पूरी शूटिंग मुंबई के एक खाली अपार्टमेंट में की गई, जो राजकुमार किराए पर लेते हैं। फिल्म की कहानी इसी एक स्थान पर केंद्रित है, जिससे इसे और भी यथार्थवादी और गहन बना दिया गया है।


बॉक्स ऑफिस पर सफलता

'ट्रैप्ड' ने रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया। इस फिल्म ने दुनियाभर में लगभग 30 करोड़ रुपये की कमाई की, जो इसके बजट से छह गुना अधिक है। केवल 5 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने दर्शकों का दिल जीत लिया। राजकुमार राव की अदाकारी को दर्शकों और आलोचकों दोनों ने सराहा।


यादगार और विवादित दृश्य

फिल्म के कई दृश्य आज भी दर्शकों के मन में ताजा हैं। एक दृश्य में राजकुमार राव को पानी की कमी के कारण बाथरूम का पानी पीते हुए दिखाया गया था, जिसने दर्शकों को चौंका दिया। एक अन्य दृश्य में, जब मदद के लिए पेन या रंग नहीं होते, तो वह अपने खून से मदद का बोर्ड लिखते हैं। इसके लिए राजकुमार ने अपनी उंगली काट ली थी।


सेंसर बोर्ड का विवाद

फिल्म के एक विवादित दृश्य को सेंसर बोर्ड ने रिलीज से पहले हटवा दिया था, जिसमें राजकुमार खाने की कमी के कारण कंडोम चाटते हैं। हालांकि, इस विवाद के बावजूद फिल्म की कहानी और अदाकारी ने सभी आलोचनाओं को पीछे छोड़ दिया।


निष्कर्ष

'ट्रैप्ड' केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि एक जज़्बा है, जो इंसान की जिद और संघर्ष को दर्शाती है। यह फिल्म यह संदेश देती है कि जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, अगर इंसान हार नहीं मानता, तो जीत उसकी होती है। राजकुमार राव और विक्रमादित्य मोटवाने ने मिलकर एक ऐसी फिल्म बनाई है, जो आज भी दर्शकों के दिलों में जीवित है और भारतीय सिनेमा की एक महत्वपूर्ण कृति मानी जाती है।