बिल स्कार्सगार्ड की नई हॉरर-थ्रिलर 'लॉक्ड' का इंतजार

फिल्म 'लॉक्ड' का परिचय
हॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता बिल स्कार्सगार्ड जल्द ही अपनी नई हॉरर-थ्रिलर फिल्म 'लॉक्ड' में दिखाई देंगे। यह फिल्म 5 सितंबर को लायंसगेट प्ले पर रिलीज होने जा रही है। डेविड यारोवेस्की द्वारा निर्देशित इस फिल्म में बिल के साथ एंथनी हॉपकिंस की आवाज भी शामिल है, जो एक लग्जरी कार के तनावपूर्ण माहौल को एक खतरनाक युद्धभूमि में बदल देती है।बिल ने 'लॉक्ड' में काम करने के अनुभव को साझा करते हुए कहा, "यह फिल्म बिल्कुल भी आसान नहीं थी। यह डेढ़ घंटे तक एक कार में तड़पने जैसा था, लेकिन टीम शानदार थी और निर्देशक डेविड अद्भुत हैं। मैं इस पर गर्व महसूस करता हूं। यह एक ऐसा किरदार है जो मैंने पहले कभी नहीं निभाया।"
उन्होंने आगे बताया कि पूरी फिल्म एक कार के अंदर शूट करना कितना चुनौतीपूर्ण था। "हमने कोशिश की कि एक भी शॉट को न दोहराया जाए, जो उस सीमित स्थान में बहुत कठिन था। हमने एक ऐसा सेट तैयार किया था, जिसकी दीवारें अलग हो सकती थीं, ताकि कैमरा उन स्थानों पर जा सके जहां असली कार में जाना संभव नहीं था।"
'लॉक्ड' की कहानी
फिल्म की कहानी एडी (बिल स्कार्सगार्ड) नामक एक चोर के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक लग्जरी कार चुराने की कोशिश करता है। लेकिन जल्द ही उसे पता चलता है कि वह एक मनोवैज्ञानिक आतंक के जाल में फंस गया है। जो एक साधारण चोरी लगती है, वह जल्दी ही एक मानसिक खेल में बदल जाती है। गाड़ी उसकी जेल और युद्ध का मैदान बन जाती है, जहां एडी को अपनी सहनशक्ति, मानसिक संतुलन और हिम्मत की परीक्षा देनी पड़ती है।
इस डर को और बढ़ाते हुए, विलियम (एंथनी हॉपकिंस) की रहस्यमयी और डरावनी आवाज है, जो सब कुछ नियंत्रित कर रही है और एडी को टूटने के कगार पर धकेल देती है।
बिल ने कहा, "यह स्क्रिप्ट बहुत अनोखी थी। मुझे लगभग पूरी फिल्म बिना किसी सह-कलाकार के करनी थी, हां, हमारे पास एंथनी हॉपकिंस की आवाज थी। जब मैं निर्देशक डेविड से मिला, तो उन्होंने कहा, 'यह बस 'तुम, मैं और एक कार' जैसा होने वाला है, दोस्त,' और सच में यह वैसा ही था। यह एक बहुत ही प्रदर्शन-आधारित फिल्म थी, जो मुझे थका देती थी।"
उन्होंने आगे कहा, “मैंने उस कार में 4 हफ्ते बिताए। ऐसे पल थे जब आप ठंड से जम रहे होते हैं, दर्द में चीख रहे होते हैं, या पसीने से तर-बतर होते हैं... मैंने हर पल को अपना 110% देने की कोशिश की और उस दर्द को सच में महसूस करने की कोशिश की।”