Newzfatafatlogo

बिहार में डोमिसाइल नीति की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन

बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर छात्रों का आक्रोश फूट पड़ा है। पटना के जेपी गोलंबर पर हजारों छात्रों ने प्रदर्शन किया, जिससे तनावपूर्ण स्थिति बन गई। छात्रों का कहना है कि यह नीति उन्हें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक अवसरों से वंचित कर सकती है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच टकराव भी हुआ। प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया है। यह प्रदर्शन बिहार में युवाओं के भविष्य और शिक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को दर्शाता है।
 | 
बिहार में डोमिसाइल नीति की मांग को लेकर छात्रों का प्रदर्शन

छात्रों का आक्रोश और प्रदर्शन

बिहार में डोमिसाइल नीति लागू करने की मांग को लेकर छात्रों का गुस्सा उभर आया है। पटना के जेपी गोलंबर पर हजारों छात्रों ने एकत्र होकर जोरदार प्रदर्शन किया, जिससे पूरे क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। छात्रों का कहना है कि पड़ोसी राज्यों की तरह बिहार में भी डोमिसाइल नीति लागू होनी चाहिए। उनका मानना है कि सरकार की यह नीति उन्हें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में अवसरों से वंचित कर सकती है।


डोमिसाइल नीति का प्रभाव

बिहार के अलावा झारखंड, पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में डोमिसाइल नीति लागू है, जबकि बिहार में यह अनुपस्थित है। डोमिसाइल नीति की कमी के कारण महिलाओं के आरक्षण और ईबीसी कोटे के 10% आरक्षण जैसे मामलों में बिहारी उम्मीदवारों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। प्रदर्शनकारी छात्रों ने जेपी गोलंबर से आगे बढ़ने का प्रयास किया, लेकिन वहां तैनात पुलिस ने उन्हें रोक दिया, जिससे प्रदर्शन और उग्र हो गया।


पुलिस और छात्रों के बीच टकराव

पुलिस और छात्रों के बीच कई बार टकराव की स्थिति उत्पन्न हुई। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने क्षेत्र में भारी पुलिस बल तैनात कर दिया है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है। छात्र संगठनों ने स्पष्ट किया है कि जब तक सरकार इस नीति को लागू नहीं करती, उनका आंदोलन जारी रहेगा।


ट्रैफिक पर प्रभाव

कई स्थानों पर ट्रैफिक भी प्रभावित हुआ है, जिससे आम लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रदर्शन स्थल पर मौजूद छात्रों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और अपनी मांगों पर अड़े रहे। प्रशासन फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में रखने और बातचीत करने की कोशिश कर रहा है। यह प्रदर्शन बिहार में युवाओं के भविष्य, रोजगार और शिक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं को दर्शाता है, जो आने वाले समय में और भी गंभीर रूप ले सकता है।