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बिहार में शराबबंदी पर उठे सवाल: तेजस्वी यादव का बड़ा बयान

बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की शराबबंदी नीति पर सवाल उठने लगे हैं। राजद नेता तेजस्वी यादव ने आगामी चुनावों में महागठबंधन की संभावित जीत के बाद इस नीति पर पुनर्विचार की बात कही है। उन्होंने एनडीए सरकार पर कानून व्यवस्था को लेकर तीखा हमला किया और कहा कि जनता और प्रशासनिक अधिकारियों से चर्चा के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। तेजस्वी ने राज्य में बढ़ते अपराधों और भ्रष्टाचार के मामलों पर भी चिंता जताई। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
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बिहार में शराबबंदी पर उठे सवाल: तेजस्वी यादव का बड़ा बयान

शराबबंदी नीति पर पुनर्विचार की संभावना

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 9 साल पहले लागू की गई शराबबंदी नीति अब सवालों के घेरे में आ गई है। अगर महागठबंधन आगामी चुनावों में जीत हासिल करता है, तो इस नीति पर फिर से विचार किया जा सकता है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस बात का संकेत दिया। इसके साथ ही, उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था पर एनडीए सरकार पर कड़ा हमला भी किया।


जनता से चर्चा के बाद होगा निर्णय

तेजस्वी यादव ने कहा कि शराबबंदी के मुद्दे पर जनता और प्रशासनिक अधिकारियों से बातचीत की जाएगी, और उसके बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार के दोनों 'इंजन' भ्रष्टाचार और अपराध में लिप्त हैं। इसके अलावा, उन्होंने मुख्यमंत्री के उपमुख्यमंत्रियों विजय कुमार सिन्हा और सम्राट चौधरी पर भी कटाक्ष किया।


कानून व्यवस्था पर गंभीर चिंता

तेजस्वी यादव ने कहा कि यदि किसी मुद्दे पर सवाल उठता है, तो उस पर चर्चा होनी चाहिए। उन्होंने स्पष्ट किया कि शराबबंदी पर कोई भी निर्णय जल्दबाजी में नहीं लिया जाएगा। राजद नेता ने एनडीए सरकार को दो इंजनों वाली सरकार बताते हुए कहा कि एक इंजन भ्रष्टाचार में और दूसरा अपराध में लगा है। उन्होंने कहा कि अपराधी ही सरकार चला रहे हैं और कानून व्यवस्था का मजाक बना रहे हैं।


गंभीर अपराधों की बढ़ती घटनाएं

तेजस्वी यादव ने कहा कि राज्य में गैंगरेप जैसी घटनाएं एम्बुलेंस में हो रही हैं और दिनदहाड़े फायरिंग की घटनाएं बढ़ रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले एक सप्ताह में 100 से ज्यादा हत्याएं हो चुकी हैं, लेकिन सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य सरकार में 71,000 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है, जिसका कोई स्पष्ट लेखा-जोखा नहीं है।


शराबबंदी का समर्थन और आलोचना

यह ध्यान देने योग्य है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शराबबंदी लागू करने के बाद महिलाओं के बीच व्यापक समर्थन प्राप्त किया था। हालांकि, शुरुआत में ही इस नीति की विफलता को लेकर तीखी आलोचना हुई थी। यहां तक कि उच्च न्यायालय ने इस कानून के कुछ प्रावधानों को 'अनुचित और कठोर' करार देते हुए खारिज कर दिया था.