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बेंगलुरु में RCB की जीत का जश्न बना मातम, भगदड़ में 11 की मौत

बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में RCB की पहली आईपीएल खिताबी जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई। मृतकों में अधिकांश युवा थे, जिनकी उम्र 40 वर्ष से कम थी। इस घटना के पीछे सुरक्षा प्रबंधों की कमी और भीड़ नियंत्रण में नाकामी को जिम्मेदार ठहराया गया है। मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है, जबकि भाजपा ने न्यायिक जांच की मांग की है। जानें इस दुखद घटना के बारे में और अधिक जानकारी।
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बेंगलुरु में RCB की जीत का जश्न बना मातम, भगदड़ में 11 की मौत

RCB की जीत का जश्न और उसके बाद का दुखद मंजर

बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की पहली आईपीएल खिताबी जीत के जश्न का माहौल बुधवार को अचानक मातम में बदल गया। इस भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई, जिनमें से अधिकांश युवा थे, और सबसे कम उम्र का पीड़ित केवल 13 वर्ष का था।


किशोरों और युवाओं की जान गई

इस घटना में जिन लोगों ने अपनी जान गंवाई, वे या तो स्थानीय निवासी थे या कर्नाटक के अन्य जिलों से उत्सव में भाग लेने आए थे। आईपीएल की ऐतिहासिक जीत की खुशी में वे स्टेडियम पहुंचे थे, लेकिन सुरक्षा प्रबंधों की कमी के कारण स्थिति बेकाबू हो गई। इसके परिणामस्वरूप, 11 लोगों की मौत हो गई और 47 अन्य घायल हुए।


मृतकों की पहचान

सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, जिन 11 लोगों की जान गई, उनके नाम हैं: दिव्यांशी (13), दोरेशा (32), भूमिक (20), सहाना (25), अक्षता (27), मनोज (33), श्रवण (20), देवी (29), शिवलिंगा (17), चिन्मयी (19) और प्रज्वल (20)। इनकी उम्र दर्शाती है कि यह हादसा कितने युवा जीवन लील गया।


भीड़ नियंत्रण में नाकामी

अधिकारियों का कहना है कि कार्यक्रम की योजना में खामियां, अंतिम समय के निर्णय और अनुमान से कहीं अधिक भीड़ इस हादसे के प्रमुख कारण रहे। स्टेडियम की क्षमता लगभग 35,000 थी, लेकिन यहां करीब तीन लाख लोग पहुंच गए। इस वजह से पुलिस बल की तैनाती अपर्याप्त रही, क्योंकि विधान सौध में हो रहे कार्यक्रम के लिए अधिकांश बल वहां लगाया गया था।


परेड को पुलिस की अनुमति नहीं

स्थानीय पुलिस ने पहले ही सुरक्षा कारणों से RCB विजय परेड की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) और आयोजकों ने कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया। दोपहर करीब 3:14 बजे जैसे ही सोशल मीडिया पर मुफ्त पास की घोषणा हुई, हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी। 'पहले आओ, पहले पाओ' व्यवस्था के चलते लोग बैरिकेड्स फांदते हुए अंदर घुसने लगे, जिससे भगदड़ मच गई।


मुख्यमंत्री और भाजपा आमने-सामने

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए मृतकों के परिजनों को आर्थिक सहायता और घायलों को मुफ्त इलाज देने की घोषणा की। उन्होंने कहा, "कुंभ मेले में भी 50-60 लोग मारे गए थे, तब हमने आलोचना नहीं की।" इस पर भाजपा नेता प्रह्लाद जोशी ने कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ऐसी तुलना कर जिम्मेदारी से नहीं बच सकते।


न्यायिक जांच की मांग

भाजपा ने इस त्रासदी पर न्यायिक जांच की मांग की है और सरकार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। प्रह्लाद जोशी ने पूछा, “जब पुलिस ने परेड की अनुमति नहीं दी थी, तब आयोजन क्यों हुआ? हादसे के बाद भी जश्न क्यों चलता रहा?” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उपमुख्यमंत्री और नेता समारोह में तस्वीरें खिंचवाने में व्यस्त थे, जबकि लोग जान गंवा रहे थे।