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भारत का आम: एक फल से ज्यादा, संस्कृति और इतिहास का प्रतीक

भारत में आम को केवल एक फल नहीं, बल्कि संस्कृति और भावनाओं का प्रतीक माना जाता है। हर साल 22 जुलाई को मनाया जाने वाला नेशनल मैंगो डे आम के इतिहास और विविधता का जश्न है। मुगलों की दीवानगी से लेकर भारत में आम की खेती की कहानी, जानें कैसे यह फल भारतीय जीवन का अभिन्न हिस्सा बन गया है।
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भारत का आम: एक फल से ज्यादा, संस्कृति और इतिहास का प्रतीक

भारत में आम का महत्व

भारत में आम को केवल एक फल नहीं, बल्कि भावनाओं और सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ा जाता है। हर साल 22 जुलाई को मनाया जाने वाला नेशनल मैंगो डे न केवल इसके स्वाद और लोकप्रियता का जश्न है, बल्कि इसके इतिहास, विविधता और सांस्कृतिक महत्व को भी उजागर करता है। मुगल शासक बाबर से लेकर शाहजहां तक आम के प्रति दीवानगी का आलम यह था कि शाहजहां ने एक बार अपने बेटे औरंगज़ेब को आमों के कारण हाउस अरेस्ट कर दिया था।


आम का इतिहास और उत्पत्ति

आम का वैज्ञानिक नाम Mangifera indica है और इसे दक्षिण एशिया, विशेषकर भारत, म्यांमार और बांग्लादेश का मूल फल माना जाता है। प्राचीन ग्रंथों और बौद्ध साहित्य में आम का उल्लेख मिलता है, और यह माना जाता है कि इसकी खेती भारत में लगभग 4000 साल पहले शुरू हुई थी। व्यापारियों और उपनिवेशवादियों के माध्यम से आम धीरे-धीरे अन्य देशों में फैल गया।


भारत: आम का प्रमुख उत्पादक

भारत की उपजाऊ मिट्टी, अनुकूल जलवायु और पारंपरिक खेती की तकनीकों ने इसे आम उत्पादन में अग्रणी बना दिया है। भारत विश्व का सबसे बड़ा आम उत्पादक देश है, जो वैश्विक उत्पादन का लगभग 45% हिस्सा प्रदान करता है। उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल इसके प्रमुख उत्पादक राज्य हैं।


मुगलों की आम के प्रति दीवानगी

इतिहास में यह उल्लेख मिलता है कि बाबर को भारत बुलाने के लिए राणा सांगा ने आम भेजे थे। बाबर को आम इतने पसंद आए कि वह भारत आ गया और यहीं मुगल साम्राज्य की स्थापना की। उसने समरकंद तक आम भेजने के लिए एक कूरियर प्रणाली भी बनाई।


अकबर से शाहजहां तक का सफर

अकबर ने बिहार में 1 लाख आम के पौधों वाला 'लक्खी बाग' बनवाया। जहांगीर ने लाहौर में आमों का बगीचा लगाया। शाहजहां ने दिल्ली से मराठा तट तक आम पहुंचाने के लिए विशेष 'कूरियर लेन' का निर्माण किया ताकि उसे समय पर आम मिल सकें।


औरंगज़ेब की सजा

एक दिलचस्प घटना में, शाहजहां ने अपने बेटे औरंगज़ेब को इसलिए हाउस अरेस्ट किया था क्योंकि उसने दिल्ली में खराब आम भेजे थे। सिंहासन की दौड़ में फारस के शाह अब्बास को खुश करने के लिए औरंगज़ेब ने आम भी भेजे थे।


भारत में आम की विविधता

भारत में सैकड़ों किस्मों के आम उगते हैं, जैसे अल्फांसो, दशहरी, लंगड़ा, चौसा, केसर, और तोतापरी। लंगड़ा आम वाराणसी के एक दिव्यांग पुजारी के नाम पर रखा गया है। दशहरी की उत्पत्ति लखनऊ के पास मलिहाबाद में 18वीं सदी में हुई। शेरशाह सूरी ने चौसा की लड़ाई में जीत के बाद आम का नाम 'चौसा' रखा।


भारत में आम की खेती

भारत में सबसे अधिक आम उत्तर प्रदेश में होता है, जिसकी हिस्सेदारी कुल उत्पादन में 25.76% है। इसके अलावा, बिहार, बंगाल, कर्नाटक, गुजरात, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना में भी आम की खेती की जाती है। भारत सालाना लगभग 25 मिलियन मीट्रिक टन आम का उत्पादन करता है।