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भारत का मानवीय कदम: ऑपरेशन सिंधु के तहत पड़ोसी देशों की मदद

भारत ने 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत ईरान में फंसे अपने नागरिकों के साथ-साथ नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी सुरक्षित निकालने का निर्णय लिया है। यह कदम उस समय उठाया गया है जब दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। भारत ने मानवीय कूटनीति के तहत यह संदेश दिया है कि संकट के समय में पड़ोसी देशों की मदद करना आवश्यक है। जानें इस अभियान की पूरी जानकारी और इसके पीछे की वजहें।
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भारत का मानवीय प्रयास

दक्षिण एशिया में भू-राजनीतिक स्थिति में तेजी से बदलाव के बीच, भारत ने अपने पड़ोसी देशों के लिए एक महत्वपूर्ण मानवीय कदम उठाया है। 'ऑपरेशन सिंधु' के तहत, भारत ने न केवल अपने नागरिकों को ईरान से सुरक्षित निकालने की योजना बनाई है, बल्कि नेपाल और श्रीलंका के नागरिकों को भी इस अभियान में शामिल किया है। यह निर्णय उस समय लिया गया है जब चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश के बीच एक नया त्रिकोणीय गठबंधन बन रहा है, जिसका उद्देश्य भारत के प्रभाव को चुनौती देना है। भारत ने इस कदम के माध्यम से यह संदेश दिया है कि संकट के समय में राजनीति से ऊपर उठकर मदद करनी चाहिए।


भारतीय दूतावास ने पुष्टि की है कि नेपाल और श्रीलंका की सरकारों की सिफारिश पर इन देशों के नागरिकों को भी 'ऑपरेशन सिंधु' में शामिल किया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि भारत यह सुनिश्चित करेगा कि ईरान में संकट में फंसे निर्दोष नागरिकों को सुरक्षित निकाला जाए। दूतावास ने एक विशेष हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है, जिससे संपर्क करने वाले नागरिकों की पहचान की जाएगी और उन्हें एयरलिफ्ट किया जाएगा। यह प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी और सुरक्षा मानकों के अनुसार होगी।


नेपाल विदेश मंत्रालय के अनुसार, ईरान में कुल 16 नेपाली नागरिक फंसे हुए हैं, जिनमें से 5 नागरिक ईरान की जेल में बंद हैं। नेपाल सरकार ने इन नागरिकों को निकालने का प्रयास किया था, लेकिन यह प्रयास विफल रहा। इसके बाद नेपाल ने भारत से मदद मांगी, जिसे भारत ने तुरंत स्वीकार कर लिया।


श्रीलंका के विदेश मंत्रालय ने अभी तक आधिकारिक आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन रिपोर्टों के अनुसार, हर साल लगभग 12,000 श्रीलंकाई नागरिक ईरान की यात्रा करते हैं। ऐसे में यह संभावना है कि कई श्रीलंकाई नागरिक वर्तमान में वहां फंसे हो सकते हैं। भारत ने स्पष्ट किया है कि यदि श्रीलंका द्वारा सूची भेजी जाती है, तो उन्हें भी ऑपरेशन सिंधु में शामिल किया जाएगा।