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भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की वापसी की तारीख तय

भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम की पृथ्वी पर वापसी की तारीख निर्धारित हो गई है। 14 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन से रवाना होने के बाद, वे 15 जुलाई को कैलिफोर्निया के तट पर समुद्र में उतरेंगे। इस मिशन में शामिल अन्य अंतरिक्ष यात्री और उनके द्वारा किए गए प्रयोगों की जानकारी भी दी गई है। जानें उनके परिवार की खुशी और वापसी के बाद की प्रक्रिया के बारे में।
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भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की वापसी की तारीख तय

Axiom Mission की वापसी की तारीख

Axiom Mission: भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम की पृथ्वी पर लौटने की तारीख निर्धारित हो गई है। एक्सिओम मिशन 4 के तहत, यह दल 14 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) से रवाना होगा, जिसके दौरान उन्होंने लगभग 60 लाख मील की यात्रा की और 230 बार पृथ्वी की परिक्रमा की।


वापसी की तैयारी

इससे पहले, 13 जुलाई को रात 7:25 बजे (भारतीय समय) एक विशेष विदाई समारोह का आयोजन किया जाएगा। नासा के अनुसार, शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम 14 जुलाई को शाम 4:34 बजे ISS से प्रस्थान करेंगे। इसके बाद, स्पेसएक्स का ड्रैगन अंतरिक्ष यान 15 जुलाई को दोपहर 3 बजे (भारतीय समय) कैलिफोर्निया के तट पर समुद्र में उतरेगा। इस मिशन के दौरान, ड्रैगन यान 580 पाउंड से अधिक का सामान भी लेकर आएगा, जिसमें नासा के उपकरण और 60 से अधिक प्रयोगों का डेटा शामिल है।


मिशन के साथी और कार्य

शुभांशु शुक्ला के साथ इस मिशन में अमेरिका की कमांडर पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज़ और हंगरी के टिबोर शामिल हैं। इन चारों ने 26 जून को फ्लोरिडा से स्पेसएक्स फाल्कन 9 के माध्यम से उड़ान भरी थी। मिशन के दौरान, उन्होंने अंतरिक्ष में कई महत्वपूर्ण प्रयोगों में भाग लिया, जैसे माइक्रो शैवाल के नमूने एकत्र करना और वैज्ञानिक उपकरणों का परीक्षण करना।


शुभांशु शुक्ला का ऐतिहासिक मिशन

शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में जाने वाले दूसरे भारतीय बन गए हैं और एक्सिओम मिशन के साथ वहां पहुंचने वाले पहले भारतीय हैं। उन्होंने मिशन के दौरान अपने परिवार को वीडियो कॉल के माध्यम से दिखाया कि वह कैसे काम करते हैं, कहां सोते हैं और उनकी दिनचर्या कैसी होती है।


लौटने के बाद की प्रक्रिया

ISRO के अनुसार, धरती पर लौटने के बाद, शुभांशु शुक्ला लगभग सात दिनों तक पुनर्वास कार्यक्रम में रहेंगे। इस दौरान डॉक्टर उनकी सेहत पर ध्यान देंगे ताकि वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण के अनुसार अपने शरीर को ढाल सकें।


परिवार की खुशी

शुभांशु के पिता शंभू दयाल शुक्ला ने कहा कि पूरा परिवार उनकी वापसी का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा है। उन्होंने कहा, 'यह देखकर बहुत अच्छा लगता है कि उसका मिशन सफलतापूर्वक चल रहा है। वह हमें दिखाता है कि वह कहाँ रहता है और कैसे काम करता है। हमें उस पर गर्व है।'