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भारत ने फिजी को भेजी गाय मटर के बीजों की मानवीय सहायता

भारत ने फिजी को 5 मीट्रिक टन गाय मटर के बीज भेजकर कृषि स्थिरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। यह पहल न केवल स्थानीय किसानों को सशक्त बनाएगी, बल्कि खाद्य सुरक्षा को भी मजबूत करेगी। जानें इस सहायता के पीछे की कहानी और भारत-फिजी के बढ़ते संबंधों के बारे में।
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भारत ने फिजी को भेजी गाय मटर के बीजों की मानवीय सहायता

भारत की सहायता से फिजी में कृषि स्थिरता को बढ़ावा

भारत ने अपने इंडो-पैसिफिक सहयोगियों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए फिजी सरकार को 5 मीट्रिक टन गाय मटर (cowpea) के बीज प्रदान किए हैं। यह बीजों का पहला सेट था, जिसे नाडी शहर में भेजा गया। इस पहल का उद्देश्य फिजी में कृषि स्थिरता को बढ़ावा देना, किसानों का समर्थन करना और खाद्य सुरक्षा को मजबूत करना है। यह भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो क्षेत्र में भारत के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है।


भारतीय उच्चायोग ने X (पूर्व में ट्विटर) पर जानकारी साझा करते हुए कहा, "भारत सरकार की ओर से, फिजी में भारतीय उच्चायोग ने आज नाडी के सबेटो में फिजी सरकार को गाय मटर के बीज सौंपे। यह पहल कृषि लचीलापन को मजबूत करती है, किसानों को सशक्त बनाती है, और खाद्य सुरक्षा को बढ़ावा देती है।" उच्चायोग ने आगे कहा, "फिजी की सबसे बड़ी गाय मटर परियोजना से स्थानीय किसानों को काफी फायदा होगा, जिससे बेहतर उपज, अधिक फसल विविधता और बढ़ी हुई आय का लाभ मिलेगा - जिससे ग्रामीण आजीविका मजबूत होगी, अभी और भविष्य में भी।"


यह सहायता भारत की 'एक्ट ईस्ट पॉलिसी' का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य दक्षिण पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र के देशों के साथ भारत के संबंधों को गहरा करना है। 5 मीट्रिक टन काले आंखों वाले गाय मटर के बीज की पहली खेप 26 जुलाई को दिल्ली से फिजी के लिए रवाना हुई थी। गाय मटर को अक्सर "सुपरफूड" माना जाता है क्योंकि इसमें उच्च प्रोटीन सामग्री होती है और यह खाद्य सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है। फिजी जैसे छोटे द्वीप राष्ट्र के लिए, जहां जलवायु परिवर्तन और बाहरी आर्थिक दबावों के कारण खाद्य सुरक्षा एक प्रमुख चिंता का विषय है, इस तरह की सहायता विशेष रूप से महत्वपूर्ण हो जाती है।


भारत और फिजी के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं, और यह मानवीय सहायता इस बढ़ती साझेदारी का एक प्रमाण है। जुलाई में, भारत और फिजी ने सुवा में छठी विदेश कार्यालय परामर्श (Foreign Office Consultations) भी आयोजित की थी। इन वार्ताओं में कृषि के साथ-साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, क्षमता निर्माण, व्यापार, निवेश, नवीकरणीय ऊर्जा, जलवायु परिवर्तन, लोगों के बीच संपर्क और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की गई थी। इस प्रकार की बातचीत दोनों देशों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देती है।


फिजी की अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर करती है, और गाय मटर जैसी नकदी फसलें किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत हैं। भारत से प्राप्त यह सहायता न केवल तत्काल खाद्य सुरक्षा में योगदान देगी, बल्कि दीर्घकालिक कृषि स्थिरता को भी बढ़ावा देगी। बेहतर बीज किस्मों और नई कृषि तकनीकों से किसानों को अधिक उपज प्राप्त करने में मदद मिलेगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।