भारत ने स्विट्ज़रलैंड को हराकर डेविस कप 2025 में बनाई ऐतिहासिक जीत

भारत की ऐतिहासिक जीत
India vs Switzerland Davis Cup 2025 : भारतीय पुरुष टेनिस टीम ने स्विट्ज़रलैंड के बीएल शहर में डेविस कप 2025 वर्ल्ड ग्रुप I के मुकाबले में स्विट्ज़रलैंड को 3-1 से हराकर एक महत्वपूर्ण जीत हासिल की है। यह जीत केवल एक टूर्नामेंट में बढ़त नहीं है, बल्कि यूरोप की धरती पर भारत की तीन दशकों बाद पहली बड़ी सफलता है। इससे पहले, भारत ने 1993 में फ्रांस के खिलाफ यूरोप में जीत दर्ज की थी।
सुमित नागल का शानदार प्रदर्शन
सुमित नागल बने हीरो
इस ऐतिहासिक जीत के मुख्य नायक सुमित नागल रहे, जिन्होंने अपने दोनों सिंगल्स मुकाबले जीतकर टीम को निर्णायक बढ़त दिलाई। चौथे रबर में, उन्होंने जूनियर ऑस्ट्रेलियन ओपन चैंपियन और केवल 18 वर्षीय हेनरी बेर्नेट को 6-1, 6-3 से हराया। इससे पहले, नागल ने पहले सिंगल्स मुकाबले में जीत हासिल कर भारत को 2-0 की मजबूत बढ़त दी थी।
युवा खिलाड़ी दक्षिणेश्वर का कमाल
डेब्यूटेंट दक्षिणेश्वर ने किया कमाल
टीम में पहली बार शामिल हुए युवा खिलाड़ी दक्षिणेश्वर सुरेश ने स्विस नंबर 1 खिलाड़ी जेरोम किम को हराकर बड़ा उलटफेर किया। यह जीत भारतीय टेनिस के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत मानी जा रही है, जो दर्शाती है कि भारत के पास अगली पीढ़ी के प्रतिभाशाली खिलाड़ी तैयार हैं।
डबल्स में हार
डबल्स में चूकी भारतीय जोड़ी
हालांकि, भारत को डबल्स मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा, जब स्विट्ज़रलैंड के याकुब पॉल और डॉमिनिक स्ट्रिकर की जोड़ी ने एन. श्रीराम बालाजी और ऋत्विक बोलीप्पल्ली को तीन सेटों में मात दी। भारतीय जोड़ी के पास कई मौके थे, लेकिन वे महत्वपूर्ण क्षणों में उनका लाभ नहीं उठा सके।
टीम की एकजुटता
"टीम ने एक-दूसरे को किया मोटिवेट"
मैच के बाद, सुमित नागल ने कहा कि यूरोप में जीत दर्ज करना लंबे समय बाद हुआ है और यह टीम की एकजुटता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि डबल्स मुकाबला बेहद कठिन था और वह बेंच पर बैठे-बैठे ही पसीना बहा रहे थे। लेकिन जैसे ही कोर्ट पर उतरे, उन्होंने आत्मविश्वास से खेला और बेहतरीन प्रदर्शन किया।
2026 क्वालिफायर की तैयारी
अब 2026 क्वालिफायर की तैयारी
इस जीत के साथ, भारत ने 2026 वर्ल्ड ग्रुप क्वालिफायर के लिए अपनी जगह पक्की कर ली है। वर्ल्ड रैंकिंग में 37वें स्थान पर मौजूद भारतीय टीम ने 24वीं रैंकिंग वाली स्विट्ज़रलैंड को हराकर यह बड़ी उपलब्धि हासिल की है। अब भारत की निगाहें शीर्ष स्तर पर वापसी पर होंगी। भारत अब तक तीन बार डेविस कप फाइनल (1966, 1974, 1987) खेल चुका है, और यह जीत उस गौरवमयी इतिहास को दोहराने की उम्मीद जगाती है।