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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में प्रयोगों का सफर

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने 14 दिवसीय मिशन के दौरान कई महत्वपूर्ण वैज्ञानिक प्रयोग किए हैं। इनमें मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण और स्टेम सेल का अध्ययन शामिल है। शुभांशु ने बताया कि ये प्रयोग भारतीय वैज्ञानिकों के लिए नए रास्ते खोलेंगे। जानें इस मिशन के बारे में और क्या खास है शुभांशु के प्रयोगों में।
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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष में प्रयोगों का सफर

अंतरिक्ष में शुभांशु शुक्ला का 14 दिवसीय मिशन

नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने 14 दिन के मिशन के 12 दिन पूरे कर लिए हैं। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण प्रयोग किए हैं। इनमें से एक प्रयोग में उन्होंने मेथी और मूंग के बीजों का अंकुरण किया। यह प्रयोग स्प्राउट्स प्रोजेक्ट के तहत किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण में पौधों के विकास और उनके प्रारंभिक विकास पर प्रभाव का अध्ययन करना है।

इस प्रोजेक्ट का नेतृत्व पृथ्वी पर कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय, धारवाड़ के रविकुमार होसामणि और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, धारवाड़ के सुधीर सिद्धपुरेड्डी कर रहे हैं। एक्सिओम स्पेस द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि इन बीजों को पृथ्वी पर लौटने के बाद कई पीढ़ियों तक उगाया जाएगा, ताकि उनके आनुवंशिकी, सूक्ष्मजीवी पारिस्थितिकी तंत्र और पोषण प्रोफाइल में होने वाले परिवर्तनों का अध्ययन किया जा सके।


शुभांशु शुक्ला की वैज्ञानिक खोजें

शुभांशु ने एक्सिओम स्पेस की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. लूसी लोव के साथ बातचीत में अपने प्रयोगों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वे अंतरिक्ष स्टेशन पर कई प्रयोग कर रहे हैं और इस मिशन से भारतीय वैज्ञानिकों के लिए नए रास्ते खुलेंगे। शुभांशु ने गर्व से कहा, 'इसरो दुनियाभर के संस्थानों के साथ मिलकर काम कर रहा है।'

उन्होंने यह भी बताया कि वे स्टेम सेल के अध्ययन, माइक्रोग्रैविटी में बीजों के विकास और अंतरिक्ष में मस्तिष्क पर पड़ने वाले प्रभावों का अध्ययन कर रहे हैं। शुभांशु ने कहा कि स्टेम सेल के अध्ययन से यह पता चलेगा कि क्या सप्लीमेंट्स लेने से चोट की रिकवरी में तेजी आती है।


एक्सिओम-4 मिशन की जानकारी

ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 मिशन के क्रू का हिस्सा हैं, जिसने 25 जून को नासा के केनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट के माध्यम से उड़ान भरी थी। यह मिशन 14 दिन का है और शुभांशु 10 जुलाई के बाद मौसम की स्थिति के अनुसार पृथ्वी पर लौट सकते हैं। वे फ्लोरिडा तट पर उतरेंगे, लेकिन नासा ने अभी तक मिशन के अंतरिक्ष स्टेशन से अलग होने की तारीख की घोषणा नहीं की है।