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भारतीय रेलवे में सुरक्षा के उपायों से घटे हादसे

केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया कि भारतीय रेलवे ने सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए ट्रेन हादसों में उल्लेखनीय कमी की है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आंकड़े साझा किए, जिसमें पिछले एक दशक में हादसों की संख्या में गिरावट देखी गई है। तकनीकी सुधारों और सुरक्षा उपायों के चलते रेलवे ने दुर्घटनाओं को कम करने में सफलता हासिल की है। जानें इस विषय में और क्या कदम उठाए गए हैं।
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भारतीय रेलवे में सुरक्षा के उपायों से घटे हादसे

रेलवे सुरक्षा पर केंद्र सरकार का जोर

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने शुक्रवार को राज्यसभा में यह स्पष्ट किया कि भारतीय रेलवे सुरक्षा को प्राथमिकता देती है, जिसके परिणामस्वरूप पिछले वर्षों में ट्रेन दुर्घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सदन में जानकारी साझा करते हुए बताया कि एक दशक पहले ट्रेन हादसों की वार्षिक औसत संख्या 171 थी, जो अब रिकॉर्ड न्यूनतम स्तर पर पहुँच गई है।


एक लिखित प्रश्न के उत्तर में रेल मंत्री ने आंकड़े प्रस्तुत करते हुए कहा कि वर्ष 2014-15 में 135 रेल दुर्घटनाएँ हुई थीं, जबकि 2024-25 में यह संख्या घटकर केवल 31 रह गई है। उन्होंने यह भी बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष में जून 2025 तक केवल तीन हादसे ही दर्ज किए गए हैं। 2004 से 2014 के बीच की अवधि की तुलना करते हुए उन्होंने कहा कि उस समय कुल 1,711 ट्रेन हादसे हुए थे।


रेल मंत्री ने हादसों में कमी का श्रेय रेलवे द्वारा किए गए कई तकनीकी और संरचनात्मक सुधारों को दिया। उन्होंने बताया कि देश के 6,635 स्टेशनों पर इलेक्ट्रिकल/इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम स्थापित किया गया है, जिससे मानवीय त्रुटियों की संभावना कम हुई है। राष्ट्रीय ऑटोमैटिक ट्रेन प्रोटेक्शन सिस्टम 'कवच' को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है, और वर्तमान में दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा मार्ग पर इसका कार्य जारी है। 11,096 लेवल क्रॉसिंग गेट्स पर इंटरलॉकिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे फाटकों पर सुरक्षा में वृद्धि हुई है। 6,640 स्टेशनों पर ट्रैक सर्किटिंग की व्यवस्था की गई है, जिससे ट्रैक पर ट्रेन की उपस्थिति की पुष्टि इलेक्ट्रॉनिक रूप से होती है।


अश्विनी वैष्णव ने बताया कि लोको पायलटों की सतर्कता सुनिश्चित करने के लिए सभी इंजनों में 'विजिलेंस कंट्रोल डिवाइस' लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त, कोहरे के मौसम में ड्राइवरों की सहायता के लिए जीपीएस आधारित 'फॉग सेफ्टी डिवाइस' और महत्वपूर्ण बिंदुओं को दर्शाने वाले रेट्रो-रिफ्लेक्टिव सिग्मा बोर्ड भी स्थापित किए गए हैं।