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भारतीय शेयर बाजार में तेजी, ट्रंप के टैरिफ का असर कम हुआ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा के बाद भारतीय शेयर बाजार में हलचल मची। हालांकि, बाजार ने जल्दी ही सुधार दिखाया है। निफ्टी और सेंसेक्स ग्रीन जोन में पहुंच गए हैं, जबकि कुछ शेयरों में 15% तक की तेजी देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह टैरिफ स्थायी नहीं होगा और व्यापार वार्ता में नरमी की संभावना है। जानें कौन से शेयरों में आई है सबसे ज्यादा वृद्धि और बाजार की वर्तमान स्थिति के बारे में।
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भारतीय शेयर बाजार में तेजी, ट्रंप के टैरिफ का असर कम हुआ

भारतीय शेयर बाजार की स्थिति

नई दिल्ली - अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा ने गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार में हलचल मचा दी। हालांकि, सुबह की नकारात्मक शुरुआत के बाद, बाजार में सुधार देखने को मिला है। सेंसेक्स और निफ्टी अब ग्रीन जोन में पहुंच चुके हैं। निफ्टी 50 में 70 अंकों की वृद्धि हुई, जिससे यह 24900 के स्तर को पार कर गया, जबकि सेंसेक्स में 200 से अधिक अंकों की तेजी आई है। निफ्टी बैंक में भी 200 अंकों से अधिक की बढ़त देखी जा रही है। हालांकि, मिड और स्मॉलकैप शेयरों में गिरावट जारी है।


विश्लेषकों की राय

विश्लेषकों का मानना है कि यह टैरिफ स्थायी नहीं होगा और भविष्य में इसमें कमी आ सकती है। ट्रंप द्वारा लगाए गए 25% टैरिफ को एशिया में सबसे कठोर माना जा रहा है, जबकि वियतनाम पर 20%, इंडोनेशिया और फिलीपींस पर 19% टैरिफ लागू किया गया है। इसके अलावा, ट्रंप प्रशासन ने रूस के साथ संबंधों को लेकर अतिरिक्त दंड की भी बात की है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय लंबे समय तक नहीं टिकेगा। भारत और अमेरिका के बीच अगस्त के अंत में व्यापार वार्ता होने वाली है, जिसमें टैरिफ में नरमी की संभावना है।


तेजी वाले शेयर

इन शेयरों में सबसे ज्यादा तेजी
HEG के शेयर में 15% की वृद्धि हुई है। इसके बाद Greaves Cotton (11%), Kaynes Technology India (10%), सैगलिटी इंडिया (8%), डिलीवरी (5%) और डेटा पैटर्न (2.31%) के शेयरों में तेजी देखी जा रही है। दरअसल, लार्जकैप स्टॉक्स जैसे हिंदुस्तान यूनिलीवर और जोमैटो में बढ़ती खरीदारी से बाजार में निवेशकों का रुझान बढ़ा है। घरेलू और विदेशी निवेशकों द्वारा भी खरीदारी की जा रही है। दूसरी ओर, विशेषज्ञ ट्रंप के टैरिफ को बहुत बड़ा झटका नहीं मानते, जिससे निवेशक बिकवाली के बजाय खरीदारी कर रहे हैं।