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मलयालम अभिनेता श्रीनिवासन का निधन: सिनेमा में अपूरणीय क्षति

मलयालम सिनेमा के दिग्गज अभिनेता श्रीनिवासन का निधन शनिवार को हुआ। 69 वर्षीय अभिनेता ने लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं का सामना किया था। उनके करियर में कई यादगार फिल्में शामिल हैं, और उन्होंने सिनेमा में एक महत्वपूर्ण स्थान बनाया। उनके निधन से फिल्म उद्योग को अपूरणीय क्षति हुई है। जानें उनके जीवन, करियर और योगदान के बारे में।
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मलयालम अभिनेता श्रीनिवासन का निधन: सिनेमा में अपूरणीय क्षति

मलयालम सिनेमा के दिग्गज का निधन

श्रीनिवासन का निधन: प्रसिद्ध मलयालम अभिनेता, पटकथा लेखक और फिल्म निर्माता श्रीनिवासन का शनिवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। उनकी उम्र 69 वर्ष थी। उन्होंने कोच्चि के एक अस्पताल में अंतिम सांस ली, जहां उनका इलाज चल रहा था। वह लंबे समय से स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे और 2022 में उनकी हृदय की सर्जरी हुई थी। श्रीनिवासन डायलिसिस के लिए अस्पताल जा रहे थे, तभी उन्हें सांस लेने में कठिनाई हुई। इसके बाद उन्हें त्रिपुनिथुरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया।


श्रीनिवासन का करियर

अस्पताल के अधिकारियों के अनुसार, उन्होंने सुबह करीब साढ़े आठ बजे अंतिम सांस ली। उनकी पार्थिव देह को श्रद्धांजलि के लिए एर्नाकुलम टाउन हॉल में रखा जाएगा, और अंतिम संस्कार उनके आवास पर किया जाएगा। कन्नूर के निवासी श्रीनिवासन पिछले कई वर्षों से त्रिपुनिथुरा के कंदनाडु में रह रहे थे।


श्रीनिवासन की उपलब्धियाँ

जाने-माने निर्देशक सत्येन एंथिकड़ ने कहा कि श्रीनिवासन लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने बताया, 'मैं उनसे हर दो सप्ताह में मिलता था। हाल ही में उनकी सर्जरी हुई थी और उन्हें चलने में कठिनाई हो रही थी, लेकिन उनकी सोचने की क्षमता पूरी तरह से ठीक थी।' श्रीनिवासन का जन्म 6 अप्रैल 1956 को कन्नूर जिले के पट्टियम में हुआ था। उन्होंने मट्टन्नूर के पीआरएनएसएस कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक की डिग्री प्राप्त की और फिर चेन्नई में तमिलनाडु फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान में अध्ययन किया।


अभिनय और निर्देशन में योगदान

उन्होंने 1976 में पी ए बैकर द्वारा निर्देशित फिल्म 'मणिमुझक्कम' से अपने अभिनय करियर की शुरुआत की। श्रीनिवासन ने मोहनलाल और ममूटी जैसे दिग्गजों के साथ कई यादगार भूमिकाएँ निभाईं। इसके अलावा, उन्होंने 1984 में 'ओदारुथम्मावा अलारियाम' से पटकथा लेखन की शुरुआत की। 1989 में 'वडक्कुनोक्कियंत्रम' से निर्देशन की शुरुआत की, जो मलयालम सिनेमा की एक क्लासिक फिल्म मानी जाती है।


राजनीतिक व्यंग्य और व्यक्तिगत जीवन

श्रीनिवासन द्वारा लिखित राजनीतिक व्यंग्य फिल्म 'संदेशम' (1991) को सर्वश्रेष्ठ कहानी के लिए केरल राज्य फिल्म पुरस्कार मिला। कोच्चि में बसने के बाद, वह जैविक खेती भी कर रहे थे। उनके परिवार में पत्नी विमला और दो बेटे हैं, जो मलयालम फिल्म उद्योग में अभिनेता हैं। मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि श्रीनिवासन का निधन मलयालम सिनेमा के लिए एक अपूरणीय क्षति है।


श्रीनिवासन की विरासत

मुख्यमंत्री ने कहा, 'उन जैसे बहुत कम फिल्मकार हुए हैं जिन्होंने आम आदमी की जिंदगी को इतनी सफलता से पर्दे पर उतारा हो।' मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव एम वी गोविंदन ने कहा कि श्रीनिवासन सिनेमा जगत के लिए एक शाश्वत प्रेरणा बने रहेंगे।