मलयालम फिल्म उद्योग में महिलाओं के अधिकारों पर हेमा कमिटी रिपोर्ट के खुलासे

महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा पर गंभीर चिंताएँ
मलयालम सिनेमा में महिलाओं के अधिकारों और सुरक्षा से संबंधित हेमा कमिटी की रिपोर्ट ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उजागर किया है। इस रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद, अभिनेत्री पार्वती थिरुवोथु ने केरल सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से पूछा कि इस रिपोर्ट पर अब तक कोई ठोस कार्रवाई क्यों नहीं की गई। पार्वती ने कहा कि रिपोर्ट में उठाए गए मुद्दे केवल व्यक्तिगत मामलों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि ये उद्योग की संरचनात्मक समस्याओं को भी दर्शाते हैं।उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि रिपोर्ट को नजरअंदाज करने की कोशिशें की जा रही हैं, जबकि यह महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक है। इससे पहले, पार्वती ने रिपोर्ट के प्रकाशन में हुई देरी पर भी चिंता व्यक्त की थी। उनका कहना था कि चुनावों के समय रिपोर्ट को जारी करना गलत है, क्योंकि इससे महिलाओं के मुद्दों को चुनावी मुद्दे के रूप में पेश किया जा रहा है। पार्वती का मानना है कि मलयालम फिल्म उद्योग में एक प्रभावशाली लॉबी सक्रिय है, जो महिलाओं के खिलाफ भेदभाव और शोषण को बढ़ावा देती है। उन्होंने सरकार से इस लॉबी के खिलाफ ठोस कदम उठाने की अपील की है। इस मुद्दे पर पार्वती की आवाज ने फिल्म उद्योग और समाज में महिलाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए एक नई बहस को जन्म दिया है। अब यह देखना है कि केरल सरकार इस पर क्या कदम उठाती है।