मलयालम सिनेमा के अभिनेता शानवास का निधन, फिल्म जगत में शोक की लहर

शानवास का निधन
साउथ फिल्म इंडस्ट्री से एक दुखद समाचार आया है। प्रसिद्ध मलयालम अभिनेता प्रेम नजीर के बेटे शानवास का निधन हो गया है। वह लंबे समय से किडनी की बीमारी से ग्रस्त थे। सोमवार की रात उनकी स्थिति अचानक बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन चिकित्सक उन्हें बचा नहीं सके। उन्होंने 71 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। उनके निधन से मलयालम सिनेमा में शोक की लहर दौड़ गई है, और प्रशंसक तथा फिल्म उद्योग के लोग उन्हें याद कर रहे हैं।
शानवास का फिल्मी करियर
शानवास का जन्म एक फिल्मी परिवार में हुआ था, जहां उनके पिता प्रेम नजीर मलयालम सिनेमा के प्रमुख सितारों में से एक माने जाते थे। शानवास ने अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए 1981 में फिल्म 'प्रेमगीथंगल' से अपने करियर की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने 'अजित' का किरदार निभाया।
इसके बाद उन्होंने कई सफल फिल्मों में काम किया। 1982 में 'आशा' में 'बोबन' का किरदार निभाया और उसी वर्ष 'कोरिथारिचा नाल', 'माइलानजी', 'गानम', 'इवान ओरु सिम्हम', और 'इरत्तिमधुरम' जैसी फिल्मों में भी अभिनय किया। 1983 में उनकी सक्रियता 'आधिपत्यम', 'रथिलायम', 'न्यायमूर्ति राजा', 'माझा नीलावु', 'ई युगम', 'नमस्ते मैडम', 'प्रथिंज', 'प्रसन्नम गुरुतारम', 'मनियारा', और 'मौन रागम' जैसी फिल्मों में देखी गई।
1984 में उन्होंने 'अम्मे नारायण', 'कदमत्तथाचन', 'निंगालिल ओरु स्त्री', 'उमानिलयम', और 'वेलिचामिल्लाथा वीधी' जैसी फिल्मों में काम किया। 1985 में 'उयिरथेझुननेलप्पु', 'मुख्यमंत्री', 'शांतम भीकाराम', 'ओरिक्कल ओरिडाथु', 'आझी', और 'ओन्नम प्रथी ओलिविल' में उनकी अदाकारी देखी गई। 1986 में 'भगवान' और 1987 में तमिल फिल्म 'जाठी पुक्कल' में भी उन्होंने काम किया।
1988 में उनकी प्रसिद्ध फिल्म 'चित्रम' आई, जिसमें उन्होंने 'रवि' का किरदार निभाया। 1989 में 'लाल अमेरिकायिल', 'जीवितम ओरु रागम', 'महाराजवु', और तमिल फिल्म 'ईनम थेट्टथा कट्टारु' में उन्होंने अभिनय किया। 1990 में 'रागम श्री रागम', 'अर्हत', और 'मध्य' आई। 1991 में वे 'वेंदुम ओरु अध्यारात्रि', 'नीलागिरी' (शेखर), 'कौमारा स्वप्नंगल', और 'इंस्पेक्टर बलराम' जैसी फिल्मों में नजर आए।
इसके बाद उन्होंने कुछ वर्षों का ब्रेक लिया और 2003 में 'कलियोदम' के साथ वापसी की। इसके बाद वह 'नम्मल थम्मिल', 'ओरिडाथोरू डाकिया', 'कन्याकुमारी एक्सप्रेस', 'चाइना टाउन', 'वीरपुत्रन', 'गुड़िया', 'रेबेका उथुप किजहक्केमाला', 'कुंभसरम', 'कुप्पीवाला', और 'जन गण मन' जैसी कई फिल्मों का हिस्सा बने। उन्होंने अपने करियर में लगभग 96 फिल्मों में काम किया और दर्शकों को अपनी सादगी भरी अदाकारी से प्रभावित किया।