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माँ के नाम एक पेड़: भावनाओं और प्रकृति का संगम

इस लेख में 'एक पेड़ माँ के नाम' शायरी के माध्यम से माँ के प्रति प्रेम और पर्यावरण की रक्षा का संदेश प्रस्तुत किया गया है। यह शायरी न केवल माँ के बलिदान को सलाम करती है, बल्कि हमें पेड़ लगाने और धरती को हरा-भरा रखने की प्रेरणा भी देती है। जानें कैसे इस खूबसूरत विचार को अपनाकर हम अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं।
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माँ के नाम एक पेड़: भावनाओं और प्रकृति का संगम

माँ के नाम एक पेड़ शायरी 2025: दिल को छू लेने वाली पंक्तियाँ

माँ के प्रति असीम प्रेम और प्रकृति की महिमा को व्यक्त करने वाली शायरी, 'एक पेड़ माँ के नाम', एक अनूठा विचार है। यह शायरी न केवल माँ के प्रति आभार प्रकट करती है, बल्कि पर्यावरण की सुरक्षा की आवश्यकता को भी उजागर करती है। यह हमें प्रेरित करती है कि हम पेड़ लगाएं और धरती को हरा-भरा रखें। आइए, इस विशेष विचार की गहराई में उतरें और जानें कि यह शायरी क्यों इतनी महत्वपूर्ण है!


एक पेड़ माँ के नाम शायरी

एक सुबह मैं उठूंगा, मैं उठूंगा पृथ्वी-समेत, जल और कच्छप-समेत, मैं उठूंगा। मैं उठूंगा और चल दूंगा उससे मिलने, जिससे वादा है कि मिलूंगा।


-केदारनाथ सिंह


छोड़ो सारे जग के काम, लगाओ एक पेड़ माँ के नाम। इससे जरूरी नहीं कोई काम, लगाओ एक पेड़ धरती माँ के नाम। बचाना है अगर अपने प्राण, लगाओ एक पेड़ धरती माँ के नाम। माँ का क्रोध झेलना नहीं है आसान, वर्तमान से भयंकर होगा वरना भविष्य का परिणाम। लगाओ एक पेड़ धरती माँ के नाम। होगा यही माँ का सच्चा सम्मान, है माँ का सब कुछ है तेरे नाम। लगाओ एक पेड़ धरती माँ के नाम।


माँ और प्रकृति का संबंध

माँ का प्यार और प्रकृति का सौंदर्य एक-दूसरे के पूरक हैं। जैसे माँ हमें बिना शर्त प्यार देती है, वैसे ही प्रकृति हमें जीवनदायिनी चीजें प्रदान करती है। 'एक पेड़ माँ के नाम' शायरी इस रिश्ते को शब्दों में पिरोती है। उदाहरण के लिए, 'माँ की ममता सा पेड़ खड़ा, छाँव देता है हर पल सदा।' ऐसी पंक्तियाँ न केवल माँ के बलिदान को सलाम करती हैं, बल्कि हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए भी प्रेरित करती हैं।


क्यों खास है यह शायरी?

यह शायरी केवल कविता की पंक्तियाँ नहीं हैं, बल्कि एक मिशन का हिस्सा हैं। 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान माँ के सम्मान में पेड़ लगाने की मुहिम को बढ़ावा देता है। हर शायरी एक संदेश है – माँ के लिए कुछ करें, तो धरती के लिए भी कुछ करें। जैसे, 'माँ के लिए एक पेड़ लगाओ, प्यार और पर्यावरण को हरा बनाओ।' ये पंक्तियाँ दिल को छूती हैं और हमें पर्यावरण संरक्षण की जिम्मेदारी याद दिलाती हैं।


इसे कैसे बनाएं यादगार?

इस शायरी को खास बनाने के लिए इसे अपने दिल से जोड़ें। माँ के लिए एक पेड़ लगाएं और उस पल को शायरी के साथ सेलिब्रेट करें। इसे सोशल मीडिया पर शेयर करें, परिवार के साथ चर्चा करें या किसी खास मौके पर माँ को समर्पित करें। माँ के नाम एक पेड़ और एक शायरी – इससे खूबसूरत तोहफा क्या हो सकता है?


एक पेड़ माँ के नाम शायरी का पाठ

धरती माँ कितना कुछ देती है, सब जीवों का दुःख हर लेती है। बढ़ती प्रदूषण से धरती माँ बेजान हैं, उनके उपकार का ये कैसा एहसान हैं। सिर झुकाने की कला भी क्या कमाल होती है? धरती पर सिर रखते हैं और मुकम्मल दुआ आसमान में होती है। कुछ पेड़ हम भी लगा दें। धरती माँ का संदेश, गूँजे हर कोने में, संरक्षण की बातें, उसकी गोदी के सपने में। हरियाली ओढ़े, नीले आकाश तले, कहती है धरती, 'सजाओ मुझे, न बर्बाद करो।'