मानव कौल की 'Baramulla': एक अनोखी हॉरर फिल्म जो डर नहीं, बल्कि यादों से झकझोरती है
एक नई परिभाषा में हॉरर
नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई मानव कौल की फिल्म 'Baramulla' पारंपरिक हॉरर से अलग है। यह एक ऐसी कहानी है जो डराने के बजाय गहराई से प्रभावित करती है। यह फिल्म अंधेरे कमरों या भूतों की कहानियों से परे जाकर, पहचान खोने और जड़ों से उखड़ने के डर को उजागर करती है। शुरुआत में यह एक थ्रिलर जैसी लगती है, लेकिन जैसे-जैसे कहानी आगे बढ़ती है, यह विछोह और स्मृतियों के भूतों की यात्रा में बदल जाती है।
कहानी का केंद्र: गायब बच्चे
कहानी कश्मीर के बारामुला जिले में डीएसपी रिदवान सैयद (मानव कौल) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो रहस्यमय तरीके से गायब हो रहे बच्चों की गुत्थी सुलझाने की कोशिश कर रहा है। हर बार केवल एक निशानी बचती है - बच्चों के बाल, जैसे किसी ने उन्हें काट दिया हो। शुरुआत में यह एक क्राइम थ्रिलर की तरह लगती है, लेकिन जल्द ही यह स्मृतियों और सच्चाई की खोज में बदल जाती है।
स्मृति से उपजा आतंक
'Baramulla' का असली जादू यह है कि यह डर पैदा करने के लिए भूतों का सहारा नहीं लेती। यहां डर स्मृतियों से, दर्द इतिहास से और पहचान खोने के डर से आता है। फिल्म की कहानी एक सामाजिक-राजनीतिक संदर्भ से शुरू होकर गहराई में जाती है, जहां अपराध, सजा और मोक्ष एक साथ टकराते हैं।
मानव कौल का अद्वितीय प्रदर्शन
मानव कौल ने एक बार फिर साबित किया है कि वे केवल एक अभिनेता नहीं, बल्कि एक अनुभव हैं। रिदवान के किरदार में, वे एक ऐसे पिता और पुलिस अधिकारी का चित्रण करते हैं जो कर्तव्य और अपराधबोध के बीच झूलता है। उनका अभिनय गहरा और मानवीय है, खासकर उनकी बेटी के साथ दृश्यों में।
भाषा सुम्बली का प्रभावशाली अभिनय
'The Kashmir Files' में नजर आई भाषा सुम्बली इस फिल्म में रिदवान की पत्नी के रूप में नजर आती हैं। उनका किरदार मौन और तूफान दोनों का प्रतीक है, और उन्होंने अपने अभिनय से अनकहे दुख को बखूबी व्यक्त किया है।
दिल दहला देने वाला क्लाइमेक्स
फिल्म का क्लाइमेक्स दिल को छू लेने वाला है, लेकिन यह डर किसी भूत से नहीं, बल्कि इतिहास की सच्चाई से उपजता है। 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन का दर्द हर फ्रेम में महसूस होता है। मानव कौल ने इस त्रासदी को आत्मा की पुकार की तरह पेश किया है।
नेटफ्लिक्स का बेहतरीन हिंदी ओरिजिनल
'Baramulla' नेटफ्लिक्स के हालिया हिंदी ओरिजिनल्स में सबसे परिपक्व और संवेदनशील फिल्म है। यह फिल्म दर्शकों को बिना डराए, सच्चाई दिखाकर गहराई से छूने की क्षमता रखती है।
