मृणाल ठाकुर ने बिपाशा बसु पर विवादित टिप्पणी के लिए मांगी माफी

बॉलीवुड में पुरानी बातें फिर से सुर्खियों में
बॉलीवुड की दुनिया में अक्सर पुरानी बातें फिर से चर्चा का विषय बन जाती हैं, और कभी-कभी ये विवाद का कारण भी बन जाती हैं। हाल ही में, अभिनेत्री मृणाल ठाकुर एक पुराने इंटरव्यू के वायरल वीडियो के चलते चर्चा में आईं, जिसमें उन्होंने बिपाशा बसु के 'मर्दाना' लुक पर टिप्पणी की थी। इस 'बेतुके बयान' के लिए मृणाल ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है, यह कहते हुए कि 19 साल की उम्र में उन्होंने ऐसी 'सिल्ली' बातें कही थीं।क्या था वो पुराना बयान? यह मामला तब का है जब मृणाल अपने करियर के शुरुआती दौर में थीं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बिपाशा बसु की फिटनेस पर टिप्पणी की थी। वीडियो में मृणाल कहती हैं, "क्या आप ऐसी लड़की से शादी करना चाहेंगे जो मर्दाना हो? जाइए बिपाशा से शादी कर लीजिए।" उन्होंने यह भी कहा था, "मैं बिपाशा से कहीं बेहतर हूं।" इन बयानों को 'बॉडी शेमिंग' के रूप में देखा गया, खासकर जब ये बातें एक महिला द्वारा दूसरी महिला के बारे में की गईं।
जैसे ही यह पुराना इंटरव्यू क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, यूजर्स ने मृणाल की कड़ी आलोचना शुरू कर दी। कई लोगों ने उन्हें 'बॉडी शेमर' और 'अन्य महिला कलाकार का अनादर' करने वाली कहा। बिपाशा बसु ने भी इस पर एक क्रिप्टिक पोस्ट शेयर कर संकेत दिया कि उन्हें यह टिप्पणी पसंद नहीं आई।
बढ़ते विवाद के बीच, मृणाल ने अपने पुराने बयानों के लिए गहराई से माफी मांगी है। उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर कर अपनी गलती स्वीकार की। मृणाल ने लिखा, "19 साल की उम्र में मैंने कई बेतुकी बातें कही थीं। मुझे हमेशा अपनी आवाज के वजन का एहसास नहीं था। लेकिन ऐसा हुआ और उसके लिए मैं ईमानदारी से माफी मांगती हूं।"
उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि उनका इरादा किसी को बॉडी-शेम करने का नहीं था, बल्कि वह एक मजाकिया बातचीत थी जो गलत तरीके से पेश हुई। मृणाल ने यह भी स्वीकार किया कि समय के साथ उनके विचारों में बदलाव आया है और वह अब 'बॉडी पॉजिटिविटी' के महत्व को समझती हैं।
यह घटना एक बार फिर बॉलीवुड में अभिनेत्रियों के बीच 'कैटफाइट' की खबरों को हवा देती है, लेकिन मृणाल के माफी मांगने और अपने विकास को स्वीकार करने के तरीके को 'महिला सशक्तिकरण' के रूप में भी देखा जा रहा है। यह दिखाता है कि कैसे कलाकार अपनी गलतियों से सीखते हैं और समाज की बदलती सोच के अनुरूप अपने विचारों को परिष्कृत करते हैं।