मैथिली ठाकुर ने चुनावी जीत का जश्न पारंपरिक गीत से मनाया
मैथिली ठाकुर की पहली चुनावी जीत
अलीनगर से भाजपा की 25 वर्षीय लोक गायिका मैथिली ठाकुर ने अपनी पहली चुनावी जीत का जश्न पारंपरिक बधाई गीत गाकर मनाया। एनडीए की शानदार जीत पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें परिणामों पर हमेशा विश्वास था और मतदाताओं द्वारा मिले 'परिवार जैसे प्यार' के लिए आभार व्यक्त किया। मैथिली ने अगले पांच वर्षों तक 'माटी की बेटी' बनकर सेवा करने का संकल्प भी लिया।
अलीनगर विधानसभा में जीत का सफर
पहली बार चुनावी मैदान में उतरी मैथिली ठाकुर ने अलीनगर विधानसभा सीट पर जीत हासिल की। उन्होंने लगभग 85,000 वोट प्राप्त किए और अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी राजद के विनोद मिश्रा को 11,000 से अधिक वोटों से हराया।
जनता के समर्थन पर विश्वास
मैथिली ने कहा कि उन्हें शुरुआत से ही जनता के समर्थन का विश्वास था। अपनी राजनीतिक यात्रा को 'अप्रत्याशित लेकिन बेहद संतोषजनक' बताते हुए उन्होंने कहा कि 25 वर्ष की उम्र में राजनीति में कदम रखते समय कई लोगों ने उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन उन्होंने इसे खुद को साबित करने का अवसर माना।
संगीत का महत्व
मैथिली ने स्पष्ट किया कि जनसेवा में आने के बावजूद संगीत उनके जीवन का अभिन्न हिस्सा रहेगा। उन्होंने कहा, 'कई लोग राजनीति में आते ही अपना पेशा छोड़ देते हैं, लेकिन मुझे सौभाग्य है कि मेरा संगीत मेरे साथ ही आगे बढ़ेगा।' उनके अनुसार, राजनीति लोगों की जरूरतों को समझकर सेवा करने का एक विस्तृत माध्यम है और वह जिम्मेदार प्रतिनिधि के रूप में अपने क्षेत्र में मिसाल पेश करना चाहती हैं।
जीत का जश्न पारंपरिक गीत से
रुझानों में बड़ी बढ़त मिलने के दौरान मैथिली ने 'बधैया बाजे आंगन में' गाकर समर्थकों के साथ जीत का जश्न मनाया।
