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यूट्यूबर एल्विश यादव पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला, कानूनी मुश्किलें बढ़ीं

यूट्यूबर एल्विश यादव और हरियाणवी गायक फाजिलपुरिया पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय ने आरोप लगाया है कि दोनों ने वन्यजीव संरक्षण कानून का उल्लंघन करते हुए सांपों और इग्वाना का उपयोग किया। इस मामले में चार्जशीट में अन्य आरोपियों का भी नाम है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके संभावित परिणाम।
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यूट्यूबर एल्विश यादव पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला, कानूनी मुश्किलें बढ़ीं

एल्विश यादव की कानूनी परेशानियाँ


यूट्यूबर एल्विश यादव: प्रसिद्ध यूट्यूबर एल्विश यादव एक बार फिर कानूनी समस्याओं में उलझ गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज करते हुए गुरुग्राम की पीएमएलए विशेष अदालत में चार्जशीट पेश की है। इस मामले में हरियाणवी गायक राहुल यादव, जिन्हें फाजिलपुरिया के नाम से जाना जाता है, भी शामिल हैं। दोनों पर आरोप है कि उन्होंने वन्यजीव संरक्षण कानून का उल्लंघन करते हुए सांपों और इग्वाना जैसे संरक्षित जीवों का उपयोग अपने म्यूजिक वीडियो और व्लॉग्स में किया।


इस घोटाले से अर्जित धन को भी लॉन्डर करने का आरोप लगाया गया है। ईडी की जयपुर जोनल ऑफिस ने चार्जशीट में एल्विश यादव, फाजिलपुरिया, स्काई डिजिटल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड और इसके निदेशक गुरकरण सिंह ढलीवाल को आरोपी बनाया है। जांच में यह सामने आया कि फाजिलपुरिया के म्यूजिक वीडियो '32 बोरे' और एल्विश के व्लॉग 'फाजिलपुरिया भाई के शूट पर रशियन से मुलाकात हो ही गई' में लाइव सांपों और इग्वाना को दिखाया गया था।




इन सभी प्रजातियों को वाइल्डलाइफ प्रोटेक्शन एक्ट, 1972 की धारा 51 के तहत संरक्षित किया गया है। इन वीडियोज को यूट्यूब पर अपलोड कर व्यूज और फॉलोअर्स बढ़ाने के प्रयास में लाखों रुपये कमाए गए। ईडी के अनुसार, एल्विश के चैनल 'एल्विश यादव व्लॉग्स' से इस 'गलत' वीडियो से लगभग 84 हजार रुपये की कमाई हुई, जिसे अपराध की आय माना जा रहा है। वहीं, फाजिलपुरिया को वीडियो प्रोडक्शन के लिए 50 लाख रुपये मिले थे, जो स्काई डिजिटल के निदेशक ने बैंक ट्रांसफर के माध्यम से दिए।


सांपों की सप्लाई और वेनम केस में पहले एफआईआर दर्ज


ईडी ने सभी आरोपियों को पीएमएलए की धारा 3 के तहत मनी लॉन्ड्रिंग का दोषी ठहराया है, जिसकी सजा धारा 4 में निर्धारित की गई है। पहले नोएडा पुलिस ने सांपों की सप्लाई और वेनम केस में एफआईआर दर्ज की थी, उसके बाद गुरुग्राम पुलिस ने वाइल्डलाइफ क्रूरता का मामला दर्ज किया। ईडी ने मई में इस मामले की जांच शुरू की थी। यह एल्विश के लिए एक बड़ा झटका है, जो पहले स्नेक वेनम पार्टी केस में फंसे थे। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उनके खिलाफ कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाई थी, लेकिन ईडी का यह नया कदम उनकी मुश्किलें बढ़ा रहा है।