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रणदीप हुड्डा ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर बाघों की सुरक्षा का किया आह्वान

अभिनेता रणदीप हुड्डा ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर बाघों की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया पर एक संदेश साझा किया, जिसमें बाघों की उपस्थिति को जंगलों की सेहत का संकेत बताया। हुड्डा ने लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा की आवश्यकता पर भी प्रकाश डाला। जानें उनके विचार और बाघों के संरक्षण की दिशा में उठाए गए कदम।
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रणदीप हुड्डा ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस पर बाघों की सुरक्षा का किया आह्वान

रणदीप हुड्डा का संदेश

अभिनेता रणदीप हुड्डा ने अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस के अवसर पर अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक महत्वपूर्ण संदेश साझा किया। उन्होंने बाघों के संरक्षण और सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास किया। उनका कहना था कि यदि किसी क्षेत्र में बाघ हैं, तो यह संकेत है कि वहां का जंगल स्वस्थ है।


हुड्डा हमेशा जंगली जानवरों और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए आवाज उठाते रहे हैं। वह लुप्तप्राय प्रजातियों की रक्षा के महत्व पर जोर देते हैं।


उनका मानना है कि बाघ हमारे जंगलों और पारिस्थितिकी के लिए अत्यंत आवश्यक हैं। बाघों के बिना, जंगलों का संतुलन बिगड़ सकता है।


मंगलवार को, रणदीप ने बाघों की कुछ तस्वीरें साझा कीं और एक भावनात्मक संदेश लिखा। उन्होंने बताया कि उन्हें भारत के विभिन्न हिस्सों में बाघों को देखने का अवसर मिला है।


उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस केवल बाघों के बारे में नहीं है। बाघों की उपस्थिति का अर्थ है कि वहां पेड़-पौधे और अन्य जीव-जंतु भी सुरक्षित हैं। भारत बाघों के संरक्षण में वैश्विक स्तर पर अग्रणी है।


हालांकि, बाघों की संख्या में वृद्धि हो रही है, लेकिन जंगलों और उनके निवास स्थानों का क्षय हो रहा है, क्योंकि भूमि का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए किया जा रहा है। अभिनेता ने यह सवाल उठाया कि यदि बाघों की संख्या बढ़ रही है, तो उनके रहने के लिए स्थान कहां बचेगा?


उन्होंने आगे कहा कि बाघों की रक्षा करना उनके जंगलों की रक्षा करना है, और जंगलों की रक्षा करना पूरी पृथ्वी और मानवता की रक्षा करना है। इसलिए, यदि हम बाघों की रक्षा करते हैं, तो हम वास्तव में अपनी रक्षा कर रहे हैं। आइए, बाघों और उनके आवासों को सुरक्षित रखने के लिए प्रयास करें।


रणदीप ने कहा कि वह भाग्यशाली हैं कि उन्होंने देश के विभिन्न क्षेत्रों में बाघों को देखा है। वह मानते हैं कि प्रकृति में बाघों का दृश्य अद्वितीय और शक्तिशाली है।


यह ध्यान देने योग्य है कि हर साल 29 जुलाई को अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य बाघों की सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाना है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि बाघों और उनके निवास स्थानों की रक्षा कितनी महत्वपूर्ण है।