रणवीर सिंह की फिल्म 'धुरंधर' ने दूध-सोडा को बनाया ट्रेंड, जानें इसकी खासियत
धुरंधर की सफलता और दूध-सोडा की नई पहचान
नई दिल्ली: रणवीर सिंह की हालिया फिल्म 'धुरंधर' बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है। यह स्पाई थ्रिलर 2025 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्मों में से एक बन गई है। फिल्म के एक्शन, गाने और किरदारों, जैसे रहमान डकैत और हमज़ा अली मजारी, की चर्चा तो हो रही है, लेकिन एक पुरानी ड्रिंक, दूध-सोडा, भी सोशल मीडिया पर छाई हुई है।
फिल्म के एक मजेदार दृश्य ने इस पेय को नई पहचान दी है। लोग अब इसे अपने घरों में बना रहे हैं और पाकिस्तान की सड़कों पर इसके वीडियो साझा कर रहे हैं।
फिल्म में दूध-सोडा का खास दृश्य
'धुरंधर' में कराची के ल्यारी क्षेत्र की कहानी दिखाई गई है, जहां एक दूध-सोडा की दुकान है, जो असल में एक भारतीय जासूस का ठिकाना है। गौरव गेरा इस दुकान के मालिक मोहम्मद आलम का किरदार निभाते हैं।
वे ग्राहकों को बुलाते हुए कहते हैं, "डार्लिंग, डार्लिंग, दिल क्यों तोड़ा... पी लो पी लो आलम सोडा।" यह संवाद और दृश्य इतना लोकप्रिय हो गया है कि लोग इसे कॉपी कर रहे हैं। रणवीर सिंह का किरदार हमज़ा भी दुकान पर आता है और दूध-सोडा बनाना सीखता है। इस दृश्य ने इस पुरानी ड्रिंक को फिर से ट्रेंड बना दिया है।
दूध-सोडा क्या है?
दूध-सोडा एक सरल पेय है, जिसमें ठंडा दूध और नींबू-लाइम सोडा जैसे स्प्राइट या 7-अप मिलाया जाता है। दोनों को समान मात्रा में मिलाने पर यह झागदार और मीठा स्वाद देता है। गर्मियों में यह ताजगी प्रदान करता है, क्योंकि सोडा दूध की भारीपन को कम कर देता है। अधिक सोडा डालने से दूध फट सकता है, इसलिए सावधानी से मिलाना चाहिए। कभी-कभी इसमें रूह अफजा भी मिलाया जाता है।
इतिहास का एक झलक
यह पेय नया नहीं है। इसका जन्म विक्टोरियन इंग्लैंड में हुआ और यह ब्रिटिश राज के दौरान भारत आया। अविभाजित पंजाब में यह सड़क किनारे ठेलों पर बिकता था। बोतलबंद कोल्ड ड्रिंक्स के आने से पहले यह बहुत लोकप्रिय था। 1947 के विभाजन के बाद, पाकिस्तान में रमजान के दौरान इफ्तार पर इसे खूब पिया जाता है, क्योंकि यह शरीर को जल्दी हाइड्रेट करता है।
आज भी लाहौर और कराची में स्ट्रीट वेंडर इसे बनाते हैं। भारत में पंजाब, पुरानी दिल्ली और अमृतसर जैसे क्षेत्रों में यह अभी भी उपलब्ध है।
