रविवार के नियम: सूर्य देव की कृपा पाने के उपाय

रविवार के महत्व
रविवार के नियम: हिंदू धर्म में रविवार का दिन सूर्य देवता को समर्पित माना जाता है। इस दिन को विशेष रूप से पूजा-पाठ, तप और आत्मशुद्धि के लिए श्रेष्ठ माना गया है। मान्यता है कि रविवार को कुछ विशेष चीजों का त्याग करने से न केवल सूर्य की कृपा बनी रहती है, बल्कि जीवन में सफलता, आत्मबल और पिता से अच्छे संबंध भी कायम रहते हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सूर्य ग्रह आत्मा, आंखों, हड्डियों, आत्मबल और पिता का कारक होता है। यदि कुंडली में सूर्य कमजोर हो जाए, तो व्यक्ति को स्वास्थ्य, करियर और पारिवारिक जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
रविवार की दिनचर्या
रविवार को ऐसी बनाएं दिनचर्या
पंडितों के अनुसार रविवार को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना, स्वच्छ वस्त्र धारण कर सूर्य देव को अर्घ्य देना और व्रत-उपवास रखना अत्यंत पुण्यदायक होता है। लेकिन अगर आप पूजन न भी कर पाएं, तो कुछ बातों का ध्यान रखकर भी सूर्य को प्रसन्न किया जा सकता है। ज्योतिष विशेषज्ञों का कहना है कि रविवार को काली उड़द की दाल, मसूर दाल और लाल साग का सेवन नहीं करना चाहिए। ये वस्तुएं शनि देव से संबंधित मानी जाती हैं, जो सूर्य के शत्रु ग्रह हैं। इनके सेवन से सूर्य की ऊर्जा प्रभावित होती है और शनि-सूर्य का टकराव बढ़ सकता है।
इन चीजों से रहें दूर
इन चीजों से रहें दूर
साथ ही, इस दिन नमक का सेवन भी वर्जित बताया गया है। नमक का संबंध राहु और शनि से होता है और यह सूर्य के प्रभाव को कमजोर करता है। इसके अलावा मांस, मछली, शराब जैसे तामसिक पदार्थ भी रविवार को नहीं खाने चाहिए। इनका प्रभाव व्यक्ति की मानसिक स्थिति, आंखों की रोशनी और पिता से संबंधों पर नकारात्मक पड़ सकता है। खट्टे पदार्थ जैसे नींबू, अचार, इमली भी इस दिन त्यागने की सलाह दी जाती है। ये चीजें सूर्य की ऊर्जा को असंतुलित कर सकती हैं। साथ ही तले-भुने तैलीय भोजन से भी परहेज जरूरी माना गया है ताकि शरीर और आत्मा की पवित्रता बनी रहे। सप्ताह का यह दिन यदि इन नियमों के साथ बिताया जाए तो जीवन में सूर्य का प्रभाव सकारात्मक बना रहता है, जिससे भाग्य और स्वास्थ्य दोनों मजबूत होते हैं।