राजकुमार राव बने पिता, पत्नी पत्रलेखा को मिला पुरस्कार
राजकुमार राव का नया पिता बनने का अनुभव
मुंबई: राजकुमार राव और उनकी पत्नी पत्रलेखा ने 15 नवंबर 2025 को अपने फैंस के साथ एक खुशखबरी साझा की। इस दिन उनके घर एक नन्ही राजकुमारी का जन्म हुआ। पिता बनने के बाद, राजकुमार सोमवार को पहली बार सार्वजनिक रूप से दिखाई दिए। वह अपनी पत्नी के साथ एक पुरस्कार समारोह में शामिल हुए।
पत्रलेखा को उनकी फिल्म 'फुले' में बेहतरीन अभिनय के लिए पुरस्कार मिला, जिसे लेने राजकुमार समारोह में पहुंचे। उन्होंने पुरस्कार प्राप्त करते समय फिल्म निर्माताओं का आभार व्यक्त किया और एक छोटी सी स्पीच दी, जिसने सभी का दिल जीत लिया। राजकुमार ने बताया कि वह जल्दी में हैं क्योंकि उनकी दोनों बेटियाँ उनका इंतजार कर रही हैं।
राजकुमार की स्पीच में भावनाएँ
'मुझे अस्पताल जाना है...'
राजकुमार ने अपनी स्पीच में कहा, 'पत्रलेखा के लिए जूरी का धन्यवाद, क्योंकि मुझे लगता है कि वह एक अद्भुत अदाकारा हैं। उन्हें ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन जब भी मिले, उन्होंने बेहतरीन प्रदर्शन किया, चाहे वह 'फुले', 'आईसी814', 'सिटीलाइट्स' हो या अन्य। और अब, मुझे अस्पताल जाना है, जहां मेरी दोनों बेटियाँ मेरा इंतजार कर रही हैं।'
नन्ही परी का आगमन
15 नवंबर को कपल के घर जन्मी नन्ही परी
राजकुमार राव और पत्रलेखा ने 15 नवंबर को अपनी चौथी शादी की सालगिरह पर एक नन्ही बच्ची का स्वागत किया। उन्होंने एक बयान में कहा, 'हम बेहद खुश हैं। ईश्वर ने हमें एक बच्ची का आशीर्वाद दिया है। हमारी शादी की सालगिरह पर हमें सबसे बड़ा आशीर्वाद मिला है।'
राजकुमार और पत्रलेखा की प्रेम कहानी
कब हुई थी दोनों की पहली मुलाकात?
राजकुमार राव और पत्रलेखा की प्रेम कहानी बॉलीवुड के सबसे खूबसूरत रोमांस में से एक है। उनकी पहली मुलाकात एक दशक पहले हुई थी, और समय के साथ उनका रिश्ता और मजबूत होता गया। राजकुमार अक्सर कहते हैं कि जब उन्होंने पत्रलेखा को एक विज्ञापन में देखा, तभी से उन्हें पता था कि वह सही हैं। 2014 में फिल्म 'सिटीलाइट्स' में साथ काम करने के बाद उनका रिश्ता और गहरा हुआ।
शादी का समारोह
चंडीगढ़ में की कपल ने शादी
अक्टूबर 2021 में, राजकुमार ने पत्रलेखा को एक निजी समारोह में प्रपोज किया और एक महीने बाद 15 नवंबर को चंडीगढ़ में शादी कर ली। उनकी शादी एक शांत और खूबसूरत समारोह में हुई, जिसमें करीबी दोस्त और परिवार के लोग शामिल हुए। पत्रलेखा ने लाल रंग की साड़ी पहनी थी, जिस पर बंगाली कविताएँ कढ़ाई की गई थीं, जबकि राजकुमार हाथीदांत रंग के परिधान में बेहद आकर्षक लग रहे थे।
