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राजस्थान में 1100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन: परिवहन में नया युग

राजस्थान में प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के तहत 1100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होने जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और यात्रियों को सुविधाजनक परिवहन प्रदान करना है। जयपुर को सबसे अधिक 450 बसें मिलेंगी, जबकि अन्य प्रमुख शहरों में भी बसों का वितरण होगा। इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन भी स्थापित किए जा रहे हैं। अगले छह महीनों में बसों का संचालन शुरू होगा, जिससे राज्य की परिवहन प्रणाली में बड़ा बदलाव आएगा। जानें इस योजना के सभी पहलुओं के बारे में।
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राजस्थान में 1100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन: परिवहन में नया युग

राजस्थान में इलेक्ट्रिक बसों का आगाज


जयपुर परिवहन: प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के तहत राजस्थान के नौ शहरों में 1100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होगा। पहले चरण में 675 बसें और दूसरे चरण में 425 बसें शामिल होंगी। जयपुर में 450 बसें उपलब्ध होंगी। एक बार चार्ज करने पर ये बसें 180 किमी तक चल सकती हैं। संचालन टोडी और बगराना डिपो से होगा। इस योजना का नेतृत्व राजस्थान रोडवेज की सहयोगी संस्था जेसीटीएसएल (जयपुर सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेज लिमिटेड) करेगी।


परिवहन प्रणाली में परिवर्तन

राजस्थान के शहरी परिवहन में महत्वपूर्ण बदलाव

राजस्थान में शहरी परिवहन प्रणाली में एक नया अध्याय शुरू होने जा रहा है। राज्य और केंद्र सरकार मिलकर 1100 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन करेंगे। "पीएम ई-ड्राइव योजना" का उद्देश्य प्रदूषण को कम करना और यात्रियों को सुविधाजनक, किफायती और स्वच्छ परिवहन प्रदान करना है। जेसीटीएसएल इस योजना का संचालन करेगी। जयपुर को सबसे अधिक 150 बसें मिलेंगी, जबकि जोधपुर, बीकानेर और उदयपुर में 100-100 बसें होंगी। भीलवाड़ा, अलवर, अजमेर, कोटा और भरतपुर में 50-50 बसें दी जाएंगी।


चार्जिंग स्टेशन का निर्माण

इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन की स्थापना

दूसरे चरण में 425 अतिरिक्त इलेक्ट्रिक बसें राज्य को मिलेंगी। इनमें जयपुर को 300, बीकानेर और अलवर को 50-50 और जोधपुर को 25 बसें दी जाएंगी। जयपुर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था में बदलाव आएगा, क्योंकि यहां 450 इलेक्ट्रिक बसों का नया बेड़ा शामिल होगा। इन बसों का संचालन टोडी और बगराना डिपो से होगा। रुडसिको द्वारा इन डिपो पर अत्याधुनिक इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन बनाए जा रहे हैं। वर्तमान में 200 लो फ्लोर और मिडी डीजल बसें चल रही हैं, लेकिन सितंबर 2025 तक 80 बसें रिटायर कर दी जाएंगी।


बसों का संचालन और भविष्य की योजनाएं

जयपुर में नई योजना के तहत 870 बसों का बेड़ा होगा, जिसमें 120 डीजल, 300 सीएनजी और 450 इलेक्ट्रिक बसें शामिल होंगी। यह परिवहन प्रणाली शहरी यातायात को बेहतर बनाएगी और पर्यावरण के लिए लाभकारी होगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने केंद्रीय शहरी मंत्रालय से 600 अतिरिक्त बसों की मांग की थी, जिसके जवाब में मंत्रालय ने 425 बसें उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया है।

छह महीनों में बसों का संचालन शुरू होगा

जेसीटीएसएल के चेयरमैन राजेश यादव ने बताया कि इलेक्ट्रिक बसों के लिए ऋण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और बैंक गारंटी भी मिल गई है। इन बसों का संचालन अगले छह महीनों में शुरू होगा। खास बात यह है कि पूरे राज्य में इन बसों का संचालन एक ही कंपनी द्वारा किया जाएगा। एक बार चार्ज होने पर ये बसें लगभग 180 किलोमीटर तक चल सकती हैं, जिससे इन्हें अंतर्राष्ट्रीय मार्गों पर भी उपयोग किया जा सकेगा।

CNG बसों की टेंडर प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है और उनकी स्वीकृति अंतिम चरण में है। यह परियोजना राजस्थान को एक सुरक्षित, टिकाऊ और भविष्य-उन्मुख सार्वजनिक परिवहन प्रणाली प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे लाखों यात्रियों को लाभ होगा और राज्य को प्रदूषण मुक्त देशों की सूची में शामिल करने में मदद मिलेगी।