रितेश देशमुख ने पैपराजी संस्कृति पर उठाई आवाज

रितेश देशमुख का पैपराजी संस्कृति पर बयान
रितेश देशमुख ने पैपराजी संस्कृति पर अपनी राय व्यक्त की: बॉलीवुड में पैपराजी संस्कृति तेजी से बढ़ रही है। जब भी कोई सेलिब्रिटी सार्वजनिक स्थान पर या मुंबई एयरपोर्ट पर नजर आता है, तो फोटोग्राफर्स उन्हें कैद करने का मौका नहीं छोड़ते। यह तब और भी गंभीर हो जाता है जब कोई दुखद घटना होती है, और पैपराजी सही-गलत का भेद भूलकर उस क्षण को कैद कर लेते हैं। हाल ही में शेफाली जरीवाला के निधन को मीडिया ने असंवेदनशीलता से कवर किया। सोनाक्षी सिन्हा के बाद, रितेश देशमुख ने भी इस मुद्दे पर अपनी आवाज उठाई है।
पैपराजी संस्कृति पर रितेश का दृष्टिकोण
हिंदुस्तान टाइम्स को दिए गए एक इंटरव्यू में, रितेश ने कहा, 'हमें पैपराजी संस्कृति से निपटना सीखना होगा। जब हमारे बच्चे खेल रहे होते हैं, तो वे हमेशा वहां होते हैं। कभी-कभी हम मैच देखने जाते हैं, और उस समय हमारी तस्वीरें खींची जाती हैं। इससे निपटने की आवश्यकता है।'
रितेश ने आगे कहा, 'मैं अपने बेटों को हमेशा बताता हूं कि फोटो खिंचवाना एक सम्मान की बात है। जब पैपराजी आपकी तस्वीरें खींचते हैं, तो आपको उन्हें धन्यवाद कहना चाहिए और आगे बढ़ जाना चाहिए। सेलिब्रिटी पेरेंट्स को अपने बच्चों को मीडिया के सामने लाने के लिए कोई निश्चित नियम नहीं है। सिर्फ इसलिए कि किसी ने ऐसा किया है, इसका मतलब यह नहीं है कि दूसरों को भी वैसा ही करना चाहिए।'
बच्चों को मीडिया में लाने का सम्मान करें
उन्होंने कहा, 'मुझे लगता है कि माता-पिता अपने बच्चों के लिए सबसे अच्छा क्या है, यह अच्छी तरह जानते हैं। अगर कोई सोचता है कि वे अपने बच्चों को मीडिया में नहीं लाना चाहते, तो इसका सम्मान किया जाना चाहिए।' उल्लेखनीय है कि इससे पहले सोनाक्षी सिन्हा, जाह्नवी कपूर और वरुण धवन भी पैपराजी संस्कृति के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त कर चुके हैं।