रूपाली गांगुली ने टेलीविजन कलाकारों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों की कमी पर उठाया सवाल

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों का उत्सव
हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों ने बॉलीवुड और क्षेत्रीय सिनेमा में एक नई ऊर्जा का संचार किया है। शाहरुख खान, रानी मुखर्जी और विक्रांत मैसी जैसे प्रमुख सितारों ने अपनी फिल्मों जैसे 'जवान', 'मिसेज चटर्जी वर्सेस नॉर्वे' और '12वीं फेल' के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त किए। इस उत्सव के बीच, टेलीविजन अभिनेत्री रूपाली गांगुली ने एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया है: टेलीविजन कलाकारों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कारों का अभाव क्यों है?
रूपाली गांगुली की चिंता
एक पपराज़ी इंस्टाग्राम पेज पर दिए गए साक्षात्कार में, रूपाली ने टेलीविजन कलाकारों के लिए पुरस्कारों की कमी पर अपनी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "हर किसी के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार हैं - फिल्मी सितारे और कंटेंट क्रिएटर। लेकिन टीवी कलाकारों के लिए कुछ नहीं है। कोविड-19 महामारी के दौरान भी, हम काम करते रहे। जब कोई फिल्मी सितारा लगातार काम करता है, तो वह सुर्खियों में रहता है। लेकिन किसी ने इस बारे में बात नहीं की कि हम, टीवी कलाकारों ने कोविड के दौरान कैसे बिना रुके काम किया। मैं सरकार से अनुरोध करती हूँ कि वह हमारे प्रयासों को भी मान्यता दे। हम बहुत मेहनत करते हैं।"
अनुपमाँ में रूपाली का प्रदर्शन
रूपाली गांगुली, जो लोकप्रिय शो 'अनुपमाँ' में मुख्य भूमिका निभा रही हैं, ने विरल भयानी के साथ एक खुली बातचीत में अपने विचार साझा किए। उन्होंने कहा, "राष्ट्रीय पुरस्कार सभी के लिए हैं—फिल्मी सितारे, कंटेंट क्रिएटर। लेकिन टीवी कलाकारों के लिए कुछ नहीं।" 'अनुपमाँ' टीआरपी चार्ट पर अपनी स्थिति बनाए हुए है और यह भारत में सबसे अधिक देखे जाने वाले धारावाहिकों में से एक है। यह शो लगातार टीआरपी चार्ट में शीर्ष 5 में बना हुआ है।
रूपाली का संदेश
रूपाली के प्रभावशाली संदेश ने टेलीविजन उद्योग में प्रतिभाओं को समान पहचान दिलाने की आवश्यकता पर चर्चा को जन्म दिया है, जिसका प्रशंसक और कलाकार दोनों ही लंबे समय से इंतज़ार कर रहे थे।