रेणु धारीवाल: 38 साल बाद भी यादगार शूर्पणखा का किरदार
रेणु धारीवाल: भारतीय टेलीविजन की शूर्पणखा
रेणु धारीवाल: भारतीय टेलीविजन पर कुछ किरदार ऐसे होते हैं जो वर्षों बाद भी दर्शकों के दिलों में बसे रहते हैं। रामायण में शूर्पणखा का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री रेणु धारीवाल ने इसी तरह की पहचान बनाई। हालांकि वह लगभग 38 सालों से पर्दे से दूर हैं, फिर भी उनका किरदार आज भी दर्शकों के बीच एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
रामायण की शूर्पणखा: एक अविस्मरणीय किरदार
रामानंद सागर की रामायण ने कई यादगार किरदारों को जन्म दिया, जिनमें से रेणु धारीवाल की शूर्पणखा सबसे प्रमुख है। उनके प्रभावशाली अभिनय और भाव-भंगिमाओं ने इस किरदार को अमर बना दिया। आज भी, दर्शक उन्हें उस महिला के रूप में याद करते हैं, जिसने भगवान राम और लक्ष्मण से मिलने के बाद महाकाव्य की कहानी को बदल दिया।
अभिनय की दुनिया से दूर एक परिवार
दिलचस्प बात यह है कि रेणु धारीवाल का मनोरंजन उद्योग से कोई संबंध नहीं था। उनके परिवार में कोई भी इस क्षेत्र में नहीं था, लेकिन रेणु को बचपन से ही अभिनय का शौक था। अपने सपनों को पूरा करने के लिए, वह घर से भागकर मुंबई आईं और एक अभिनय स्कूल में दाखिला लिया।
रामानंद सागर ने पहचानी प्रतिभा
रेणु को एक बड़ा अवसर अचानक मिला। एक नाटक में उन्होंने गोविंदा की माँ का किरदार निभाया, और उनकी परिपक्वता ने सभी को प्रभावित किया, यहां तक कि रामानंद सागर भी। उनके सहज अभिनय ने सागर को इतना प्रभावित किया कि उन्होंने उन्हें रामायण में शूर्पणखा का किरदार निभाने का प्रस्ताव दिया।
शूर्पणखा के लिए मिली फीस
1980 के दशक में, रेणु धारीवाल को शूर्पणखा का किरदार निभाने के लिए ₹30,000 की फीस मिली थी, जो उस समय के लिए एक बड़ी राशि थी। इस किरदार को निभाने के लिए उन्होंने कई दिनों तक तैयारी की, जिसमें संवाद अदायगी और नाटकीय लहजे में महारत हासिल करना शामिल था।
38 सालों से पर्दे से दूर
अपनी प्रारंभिक सफलता के बावजूद, रेणु ने धीरे-धीरे शोबिज से दूरी बना ली। अब उन्हें पर्दे से गायब हुए 38 साल हो चुके हैं, लेकिन उनकी विरासत रामायण के पुनः प्रसारण और प्रशंसकों की यादों के माध्यम से जीवित है।
