रेलवे टिकट पर PNR नंबर और अन्य कोड्स का महत्व
भारतीय रेलवे की तकनीकी जानकारी
नई दिल्ली: भारतीय रेलवे तकनीकी क्षेत्र में लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है और इसे विश्व के सबसे बड़े और व्यस्त रेल नेटवर्कों में से एक माना जाता है। हर दिन करोड़ों यात्रियों को सुरक्षित रूप से उनके गंतव्य तक पहुंचाना रेलवे के लिए एक बड़ी चुनौती है। यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए, रेलवे ने अपने संचालन को सुचारू बनाने के लिए कई तकनीकी कोड और संक्षिप्त रूप बनाए हैं। हम अक्सर टिकटों और ट्रेन की बोगियों पर इन कोड्स को देखते हैं, लेकिन इनके असली अर्थ से अनजान होते हैं। इनमें सबसे महत्वपूर्ण है 'पीएनआर' (PNR) नंबर, जिसके बिना आरक्षित यात्रा की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
कई यात्रियों को यह नहीं पता होता कि PNR का पूरा नाम क्या है और यह कैसे कार्य करता है। वास्तव में, PNR का पूरा नाम 'पैसेंजर नेम रिकॉर्ड' (Passenger Name Record) है। यह 10 अंकों का एक अद्वितीय कोड है, जो आपकी बुकिंग का डिजिटल रिकॉर्ड होता है। जब आप टिकट बुक करते हैं, तो रेलवे आपको यह नंबर प्रदान करता है। इस छोटे से नंबर में यात्री का नाम, उम्र, ट्रेन नंबर, कोच, सीट नंबर और यात्रा की तारीख जैसी महत्वपूर्ण जानकारियाँ होती हैं। तकनीकी दृष्टि से देखें तो इस कोड के पहले तीन अंक रेलवे जोन को दर्शाते हैं, जबकि बाकी के सात अंक रैंडम रूप से उत्पन्न होते हैं। इसी नंबर के माध्यम से आप वेटिंग या कन्फर्म टिकट का स्टेटस चेक कर सकते हैं।
केवल PNR ही नहीं, बल्कि ट्रेन के डिब्बों पर लिखे कोड्स को समझना भी एक समझदार यात्री के लिए आवश्यक है। रेलवे ने विभिन्न श्रेणियों के लिए विशेष कोड निर्धारित किए हैं। जैसे, यदि टिकट या कोच पर SL लिखा है, तो यह नॉन-एसी स्लीपर क्लास को दर्शाता है। थर्ड एसी के लिए B1, B2 जैसे कोड और सेकंड एसी के लिए A1, A2 कोड का उपयोग किया जाता है। सबसे प्रीमियम फर्स्ट क्लास एसी के लिए H1 कोड होता है, जिसमें केबिन और लॉकिंग डोर की सुविधा होती है। इसके अलावा, जनरल डिब्बों के लिए GS और दिव्यांगों या सामान के लिए SLR कोड का प्रयोग किया जाता है। शताब्दी जैसी ट्रेनों में चेयर कार के लिए CC और एग्जीक्यूटिव क्लास के लिए EC लिखा जाता है। त्योहारों या भीड़ के समय जब अतिरिक्त कोच जोड़े जाते हैं, तो उन्हें SE1 या SE2 कोड दिया जाता है। इन कोड्स की सही जानकारी होने से यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर अपनी बोगी खोजने में कठिनाई नहीं होती।
