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रोहतक में बारिश से बाढ़ की स्थिति, खेतों में पानी भरा

रोहतक में लगातार बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे महम और कलानौर क्षेत्र के कई गांवों में खेतों में 3 से 4 फीट तक पानी भर गया है। प्रशासन ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए कदम उठाए हैं, लेकिन ग्रामीणों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। फसलों को गंभीर नुकसान हुआ है, और ग्रामीण प्रशासन से तेजी से पानी निकासी की मांग कर रहे हैं। मौसम की भविष्यवाणी के अनुसार, बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, लेकिन इसके बाद ठंड का अहसास होगा।
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रोहतक में बारिश से बाढ़ की स्थिति, खेतों में पानी भरा

रोहतक में बाढ़ की समस्या

रोहतक बाढ़ 2025, सिटी रिपोर्टर | रोहतक/महम : जिले में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। इससे महम और कलानौर क्षेत्र के कई गांवों में खेतों में 3 से 4 फीट तक पानी भर गया है। पशुओं के लिए चारे की कमी होने लगी है और कई स्थानों पर घरों में दरारें भी आ गई हैं। बुधवार को बारिश के कारण शहर के विभिन्न हिस्सों में जलभराव हो गया।


सरकार की तैयारी

कैबिनेट मंत्री डॉ. अरविंद शर्मा ने अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक की। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति पर नजर रखे हुए है। अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे लोगों की सहायता करें और जलभराव की सूचना मिलने पर तुरंत पानी निकासी की व्यवस्था करें। इसके साथ ही, उन्होंने एनएचएआई अधिकारियों से भी संपर्क कर सांपला के पास जलभराव की समस्या के समाधान के लिए निर्देश दिए।


जलभराव से प्रभावित क्षेत्र

महम क्षेत्र के 4 गांवों में 3-4 फीट पानी खेतों में जमा

जिला और उपमंडल स्तर पर 24 घंटे बाद नियंत्रण कक्ष का संचालन सुनिश्चित किया जाए। जिले के 1200 एकड़ भूमि जलभराव से प्रभावित है। महम क्षेत्र में 3 सप्ताह बाद भी 4 गांवों के खेतों में 3 से 4 फीट तक पानी भरा हुआ है। इसी तरह कलानौर और अन्य हिस्सों में फसलों में जलभराव की समस्या है।


फसलों को नुकसान

फसलों को गंभीर नुकसान हुआ है। प्रशासन खेतों से पानी निकालने में जुटा है, लेकिन ग्रामीणों की संतुष्टि नहीं हो रही है। सैमाण के ब्लॉक समिति के पूर्व सदस्य किताब सिंह और हरिओम ने बताया कि 4 गांवों की हजारों एकड़ खेत जलमग्न हैं। कपास, ज्वार, बाजरा और धान की फसलें बर्बाद हो चुकी हैं। आने-जाने के रास्ते भी बंद हो गए हैं। पानी में दुर्गंध उठने लगी है। भैणी सुरजन गांव के किसान श्रीओम, राजू, नरेश और सोनू का कहना है कि उनके गांव के खेतों में कई दिनों से पानी भरा हुआ है।


प्रभावित गांवों की सूची

प्रभावित गांव

जलभराव से जिले के 1200 एकड़ खेत प्रभावित हैं। महम क्षेत्र के गढ़ी बलम, भैणी चंद्रपाल, सैमाण, आवल, भैणी महाराजपुर, जिंदराण, भैणी सुरजन और कलानौर क्षेत्र के पटवापुर, लाहली जैसे गांवों में स्थिति चिंताजनक है। ग्रामीणों ने प्रशासन से तेजी से पानी निकासी की मांग की है।


मौसम की भविष्यवाणी

मौसम और तापमान का हाल

इस बार सितंबर का मौसम कुछ अलग रहने वाला है। अगले दिनों में बारिश का सिलसिला जारी रहेगा, लेकिन माह के मध्य में यह थम जाएगा। फिर मानसून की वापसी के दौरान बारिश ठंड का अहसास कराएगी। 12 सितंबर तक हल्की से लेकर तेज बारिश की संभावना है। इसके बाद मानसून कमजोर पड़ जाएगा।

माह के तीसरे सप्ताह में बूंदाबांदी की संभावना कम रहेगी, जबकि 24 सितंबर से मानसून की वापसी शुरू होगी। पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 10 दिन पहले मानसून विदाई लेगा। इस दौरान जिले के विभिन्न हिस्सों में बूंदाबांदी होगी। दिन में उमस कम हो जाएगी और सुबह और शाम के समय ठंडी हवा का अहसास होगा। अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है और रात का तापमान 17 डिग्री तक पहुंच सकता है। रात के समय ओस भी पड़ने लगेगी।