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वक्फ संशोधन विधेयक: क्या हैं नए प्रावधान और बदलाव?

वक्फ (संशोधन) विधेयक में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें नए प्रावधानों का समावेश है। इस विधेयक के तहत, संपत्ति वक्फ करने के लिए इस्लाम धर्म का पालन करने की अवधि को पांच वर्षों तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा, पुरानी मस्जिदों और धार्मिक स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई है। विधेयक में वक्फ परिषद में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति का भी प्रावधान है। यह विधेयक दो अप्रैल को लोकसभा में पेश किया जाएगा, जिसमें चर्चा के लिए आठ घंटे निर्धारित किए गए हैं।
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वक्फ (संशोधन) विधेयक में नए प्रावधान

Waqf Amendment Bill: वक्फ (संशोधन) विधेयक में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनमें नए प्रावधानों को शामिल किया गया है। यह विधेयक भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद तेजस्वी सूर्या द्वारा प्रस्तावित विवादास्पद धारा 14 को शामिल करते हुए पेश किया गया है। इस संशोधन के अनुसार, कोई भी व्यक्ति अपनी संपत्ति वक्फ को तभी दे सकेगा, जब वह कम से कम पांच वर्षों तक इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो। इसके साथ ही, वक्फ संपत्ति में धोखाधड़ी न होने का प्रमाण भी आवश्यक होगा.


पुरानी धार्मिक स्थलों की सुरक्षा

एक अन्य महत्वपूर्ण संशोधन के तहत, पुरानी मस्जिदों, दरगाहों और अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थलों में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ नहीं की जाएगी, यानी इन स्थानों पर यह कानून पुरानी तारीख से लागू नहीं होगा। यह सुझाव जनता दल (यूनाइटेड) द्वारा दिया गया था और इसे विधेयक में शामिल किया गया है.


वक्फ परिषद में गैर-मुस्लिम सदस्यों की नियुक्ति

विधेयक में वक्फ परिषद में पदेन सदस्य होने के अलावा दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को शामिल करने का प्रावधान भी है। इसके साथ ही, वक्फ बोर्ड में वक्फ मामलों से संबंधित संयुक्त सचिव पदेन सदस्य होंगे। यह बदलाव वक्फ संस्थाओं के संचालन में अधिक पारदर्शिता लाने के लिए किए गए हैं.


वक्फ ट्रिब्यूनल का नया स्वरूप

विधेयक में अन्य महत्वपूर्ण बदलावों के तहत वक्फ ट्रिब्यूनल को तीन सदस्यीय बनाने का प्रस्ताव भी शामिल है। पहले इस ट्रिब्यूनल में दो सदस्य होते थे, अब इसमें एक इस्लामिक स्कॉलर को भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा, वक्फ संपत्तियों की निगरानी का जिम्मा पहले कलेक्टर के पास था, अब इसे किसी वरिष्ठ अधिकारी को सौंपा जा सकता है, जिसे राज्य सरकार नियुक्त करेगी.


विधेयक की संसद में पेशी

इस विधेयक को दो अप्रैल को दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। भारतीय जनता पार्टी ने इस विधेयक पर चर्चा के लिए अपने सांसदों को उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी कर दी है। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि इस पर आठ घंटे की चर्चा निर्धारित की गई है, हालांकि, इस समय को सदन की सहमति से बढ़ाया भी जा सकता है.