Newzfatafatlogo

विजय वर्मा ने साझा किया अपने जीवन के कठिन दौर का अनुभव

बॉलीवुड अभिनेता विजय वर्मा ने हाल ही में अपने जीवन के कठिन दौर के बारे में खुलासा किया है, जब वह कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान गंभीर अवसाद का सामना कर रहे थे। इस समय, इरा खान ने उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के महत्व के बारे में बताया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। विजय ने अपने पिता के साथ संबंधों और अभिनय के प्रति अपने जुनून के बारे में भी चर्चा की। जानें कैसे इरा ने उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया।
 | 
विजय वर्मा ने साझा किया अपने जीवन के कठिन दौर का अनुभव

मुंबई में विजय वर्मा का खुलासा


मुंबई: प्रसिद्ध बॉलीवुड अभिनेता विजय वर्मा, जिन्होंने मिर्जापुर, लस्ट स्टोरीज 2 और कालकूट जैसी परियोजनाओं में अपनी अदाकारी से पहचान बनाई है, ने हाल ही में अपने जीवन के सबसे कठिन समय के बारे में खुलकर बात की। एक पॉडकास्ट साक्षात्कार में, विजय ने साझा किया कि कैसे कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान वह गंभीर अवसाद का सामना कर रहे थे, और इस कठिन समय में आमिर खान की बेटी इरा खान ने उन्हें नई दिशा दिखाई।


पिता के साथ संबंध और अभिनय का चुनाव

विजय ने बताया कि उनके पिता के साथ उनका रिश्ता हमेशा भावनात्मक और चुनौतीपूर्ण रहा। उन्होंने कहा, 'मेरे पिता का व्यक्तित्व बहुत मजबूत था, लेकिन वह गुस्सैल और अप्रत्याशित भी थे। किशोरावस्था में, मैं उनके प्रति अपने प्यार में कमी महसूस करने लगा।'


उन्होंने आगे कहा कि उनके पिता की अपेक्षाएं बहुत अधिक थीं, जिससे उन पर दबाव बढ़ता गया। विजय ने कहा, 'वे मुझसे वो सब चाहते थे जो मैं नहीं चाहता था, जैसे मेरा करियर और मेरे दोस्त। मुझे लगा कि मैं कभी उन्हें खुश नहीं कर पाऊंगा।'


लॉकडाउन का कठिन समय

विजय ने बताया कि अभिनय की दुनिया में भागते-भागते वह खुद से दूर हो गए थे। लॉकडाउन के दौरान, वह मुंबई के एक छोटे से अपार्टमेंट में अकेले थे। उन्होंने कहा, 'हर शाम आसमान को देखकर मुझे एहसास होता था कि मैं कितना अकेला हूं। यह समय मेरे जीवन का सबसे कठिन दौर था।'


इरा खान का समर्थन

इस कठिन समय में, इरा खान उनके लिए उम्मीद की किरण बनकर आईं। विजय ने कहा कि इरा ने उन्हें थेरेपी के महत्व के बारे में बताया और मानसिक स्वास्थ्य की दिशा में प्रेरित किया। उन्होंने कहा, 'इरा ने मुझसे कहा, 'विजय, तुम्हें आगे बढ़ना होगा।' उन्होंने मुझे जूम वर्कआउट से जोड़ा और मेरी कोच बन गईं।'


इरा ने न केवल उन्हें प्रेरित किया, बल्कि यह भी बताया कि मदद लेना कमजोरी नहीं, बल्कि साहस है। उन्होंने कहा, 'अगर आप बिखराव वाले परिवार से आते हैं और चीजों को सुलझा नहीं पाते, तो वह दर्द अवचेतन में रह जाता है।'