विजय वर्मा ने साझा किया डिप्रेशन से जूझने का अनुभव
विजय वर्मा का डिप्रेशन से संघर्ष
फिल्म 'गली बॉय' के अभिनेता विजय वर्मा ने हाल ही में रिया चक्रवर्ती के पॉडकास्ट में बताया कि कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान वह गहरे डिप्रेशन में चले गए थे। मुंबई में अपने छोटे से अपार्टमेंट में अकेले रहने के कारण उन्हें डर और अकेलापन महसूस हुआ, जिससे वह घंटों तक रोते रहे। विजय ने कहा, 'एक दिन मुझे एहसास हुआ कि मैं चार दिन से सोफे से हिल भी नहीं पाया। तब मैंने समझा कि कुछ ठीक नहीं है।' उस समय उनके पास केवल एक छोटा सा टेरेस था, जहां से वह आसमान देख सकते थे।
विजय ने कहा, 'उस टेरेस ने मुझे पागल होने से बचाया। प्रकृति से जुड़ाव ही मुझे संभाले रखता था।' इस कठिन समय में उनके साथ दो खास लोग आए - आमिर खान की बेटी इरा खान और अभिनेता गुलशन देवैया। विजय ने बताया कि 'दहाड़' की शूटिंग के दौरान इरा उनकी असिस्टेंट थीं और वे अच्छे दोस्त बन गए थे। लॉकडाउन के दौरान, वे जूम पर वीडियो कॉल करते और साथ में डिनर करते थे।
डिप्रेशन के दौरान विजय की स्थिति
विजय ने साझा किया, 'इरा और गुलशन मेरा छोटा सा सपोर्ट सिस्टम थे। लेकिन मेरी स्थिति लगातार बिगड़ती गई। मैं घंटों रोता रहा और खाने-पीने का मन नहीं करता था। इरा ने सबसे पहले मेरी स्थिति को नोटिस किया और कहा, 'विजय, तुम्हें थोड़ा हिलना-डुलना शुरू करना चाहिए।' इरा की सलाह पर, विजय ने थेरेपी शुरू की और योगा तथा मेडिटेशन को अपनाया। धीरे-धीरे, वह इस स्थिति से बाहर निकलने में सफल हुए।
विजय ने इरा को पूरा श्रेय दिया और कहा, 'इरा ने मुझे पहचान लिया कि मैं डिप्रेशन में हूं। उसने मुझे हौसला दिया और सही दिशा दिखाई।' गुलशन भी हमेशा फोन पर बात करते रहे और उन्हें हंसाते रहे। अब विजय पूरी तरह से ठीक हैं और 'गली बॉय', 'बागी 3', 'डार्लिंग्स', 'जाने जान' और 'दहाड़' जैसी सफल फिल्मों में काम कर चुके हैं। लेकिन वह मानते हैं कि डिप्रेशन जैसी समस्या को छुपाना नहीं चाहिए।
मेंटल हेल्थ पर विजय का संदेश
विजय ने कहा, 'मेंटल हेल्थ पर बात करना बहुत जरूरी है। मदद मांगने में कोई शर्म नहीं होनी चाहिए।' उनकी यह कहानी लाखों लोगों को प्रेरित कर रही है, खासकर उन लोगों को जिन्होंने लॉकडाउन के दौरान अकेलापन महसूस किया। इरा खान भी मेंटल हेल्थ की समर्थक हैं और लोगों की मदद के लिए एक फाउंडेशन चलाती हैं। विजय अब अपने फैंस को संदेश दे रहे हैं - अगर मन भारी लगे, तो दोस्तों से बात करें, थेरेपी लें, योगा करें। जिंदगी खूबसूरत है, बस हिम्मत से आगे बढ़ें।
विजय की हिम्मत की प्रशंसा की जा रही है और लोग इरा को धन्यवाद कह रहे हैं। उनकी जिंदगी अब फिर से पटरी पर आ गई है और नए प्रोजेक्ट्स भी आ रहे हैं। लेकिन वह कभी उस कठिन दौर को नहीं भूलते। विजय कहते हैं, 'डिप्रेशन ने मुझे मजबूत बनाया है। अब मैं हर पल को जीता हूं।' उनकी यह यात्रा सिखाती है कि अंधेरे के बाद हमेशा सुबह आती है।
