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विवेक ओबेरॉय: संघर्ष और सफलता की कहानी

विवेक ओबेरॉय, जो 03 सितंबर को अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं, ने बॉलीवुड में अपनी पहचान बनाने के लिए कई संघर्ष किए। उनके करियर की शुरुआत 'कंपनी' फिल्म से हुई, लेकिन एक विवाद ने उनकी छवि को नुकसान पहुँचाया। हालांकि, उन्होंने हार नहीं मानी और व्यवसाय में सफलता हासिल की। जानें उनके जीवन की रोचक बातें और संघर्षों के बारे में।
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विवेक ओबेरॉय: संघर्ष और सफलता की कहानी

बॉलीवुड में सफलता की चुनौतियाँ

बॉलीवुड में सफलता प्राप्त करना कठिन है, लेकिन उसे बनाए रखना और भी चुनौतीपूर्ण है। कई सितारे अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर सुपरस्टार बन जाते हैं, लेकिन एक छोटी सी गलती उनके करियर को बर्बाद कर सकती है। ऐसा ही कुछ अभिनेता विवेक ओबेरॉय के साथ हुआ। उन्हें लॉन्चिंग के समय ही इंडस्ट्री का अगला सुपरस्टार माना गया था, लेकिन एक चूक ने उनके फिल्मी सफर को प्रभावित कर दिया। आज, 03 सितंबर को, विवेक ओबेरॉय अपना 49वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइए उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं।


जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि

विवेक ओबेरॉय का जन्म 03 सितंबर 1976 को हुआ। उनके पिता, सुरेश ओबेरॉय, एक प्रसिद्ध अभिनेता थे। हालांकि, विवेक के लिए यह सफर आसान नहीं रहा। उन्होंने अपने बलबूते पर इंडस्ट्री में पहचान बनाई, लेकिन विवादों ने उनके करियर की चमक को प्रभावित किया। फिर भी, विवेक ने हार नहीं मानी और व्यवसाय की ओर रुख किया, जहां उन्होंने अपनी मेहनत से करोड़ों का साम्राज्य खड़ा किया।


फिल्मी करियर की शुरुआत

विवेक ओबेरॉय ने 2002 में राम गोपाल वर्मा की फिल्म 'कंपनी' से अपने करियर की शुरुआत की। यह एक क्राइम-आधारित फिल्म थी, जिसमें विवेक ने अपने किरदार को बेहतरीन तरीके से निभाया, जिससे उनकी प्रशंसा हुई। उनकी पहली फिल्म ने उन्हें फिल्मफेयर अवॉर्ड दिलाया और दर्शकों ने उन्हें इंडस्ट्री का उभरता सितारा मान लिया। इसके बाद, उन्होंने 'साथिया' जैसी रोमांटिक फिल्म में भी दर्शकों का दिल जीता। 'शूटआउट एट लोखंडवाला' जैसी एक्शन फिल्म ने साबित किया कि विवेक हर तरह के किरदार में फिट बैठते हैं।


एक विवाद ने बदल दी किस्मत

हालांकि, एक गलती ने विवेक ओबेरॉय के करियर को प्रभावित किया। 2004 के आसपास, उनका नाम अभिनेत्री ऐश्वर्या राय के साथ जोड़ा गया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में विवेक ने कहा कि सलमान खान उन्हें धमकी दे रहे हैं और ऐश्वर्या से दूर रहने के लिए कह रहे हैं। इस बयान ने विवेक की छवि को नुकसान पहुँचाया और बड़े फिल्म निर्माताओं ने उनसे दूरी बना ली। धीरे-धीरे, उनके लिए काम मिलना कम होता गया और उनका करियर डगमगाने लगा।


सफल व्यवसायी के रूप में उभरना

फिल्मों के ऑफर्स बंद होने के बावजूद, विवेक ओबेरॉय ने हार नहीं मानी। उन्होंने व्यवसाय की ओर रुख किया और कई वर्षों की मेहनत के बाद, उन्होंने अपना साम्राज्य स्थापित किया। इसके साथ ही, विवेक ने दुबई और यूएई में भी बड़े प्रोजेक्ट्स में निवेश किया है।