Newzfatafatlogo

शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा पर 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला: जांच जारी

शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें धन के लेन-देन की जांच की जा रही है। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा इस मामले की गहन जांच कर रही है। आरोप है कि दोनों ने एक व्यवसायी से ऋण के रूप में पैसे लिए और बाद में उसे निवेश के रूप में दिखाने का प्रयास किया। जानें इस मामले की पूरी कहानी और क्या है इसके पीछे का सच।
 | 
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा पर 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला: जांच जारी

धोखाधड़ी मामले की जांच

व्यवसायी राज कुंद्रा और उनकी पत्नी, अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी, के खिलाफ 60 करोड़ रुपये के धोखाधड़ी मामले में धन के लेन-देन की जांच चल रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह पता लगाया जा रहा है कि दोनों द्वारा किए गए खर्च वास्तविक थे या नहीं। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) 2015 से इस दंपति से संबंधित एक कंपनी के बैंक खातों की जांच कर रही है।


खातों की जांच में सामने आई जानकारी

जांच के दौरान यह पता चला कि शेट्टी को कंपनी से चार करोड़ रुपये की फीस मिली थी। अधिकारियों ने बताया कि अब बंद हो चुकी इस कंपनी से जुड़े व्यक्तियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। जुहू थाने में शेट्टी और कुंद्रा के खिलाफ व्यवसायी दीपक कोठारी से 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था।


धोखाधड़ी का आरोप

अगस्त 2025 में, दीपक कोठारी ने शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई थी। कोठारी के अनुसार, उनकी मुलाकात 2015 में एजेंट राजेश आर्य के माध्यम से हुई थी। उस समय, दोनों बेस्ट डील टीवी के निदेशक थे और शिल्पा के पास कंपनी के 87% से अधिक शेयर थे।


ऋण और निवेश का मामला

शिकायत के अनुसार, एक बैठक में यह तय हुआ कि दीपक शिल्पा और कुंद्रा की कंपनी को ऋण देंगे। कंपनी के लिए 75 करोड़ रुपये का ऋण मांगा गया था, जिस पर 12% वार्षिक ब्याज तय किया गया था। कोठारी का आरोप है कि बाद में शिल्पा और कुंद्रा ने कहा कि ऋण पर कर संबंधी समस्या हो सकती है, इसलिए इसे निवेश के रूप में दिखाने का निर्णय लिया गया।


कोठारी का दावा

कोठारी ने अप्रैल 2015 में लगभग 31.95 करोड़ रुपये का पहला भुगतान किया। टैक्स संबंधी समस्याओं के चलते, सितंबर में एक और सौदा हुआ और जुलाई 2015 से मार्च 2016 के बीच, उन्होंने 28.54 करोड़ रुपये अतिरिक्त हस्तांतरित किए। कुल मिलाकर, उन्होंने 60.48 करोड़ रुपये और 3.19 लाख रुपये स्टाम्प शुल्क का भुगतान किया।


कंपनी निदेशक पद से इस्तीफा

कोठारी का कहना है कि अप्रैल 2016 में शिल्पा ने उन्हें व्यक्तिगत गारंटी दी थी, लेकिन उसी वर्ष सितंबर में उन्होंने कंपनी निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद, शिल्पा की कंपनी द्वारा 1.28 करोड़ रुपये का ऋण न चुकाने का मामला सामने आया। कोठारी ने बार-बार अपने पैसे वापस मांगे, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।


जांच का विस्तार

शुरुआत में, जुहू पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी और जालसाजी के तहत मामला दर्ज किया गया था। चूँकि राशि 10 करोड़ रुपये से अधिक थी, इसलिए जांच आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दी गई है। EOW इस मामले की गहन जांच कर रही है।