संजय मिश्रा: 62वें जन्मदिन पर जानें उनके जीवन की अनकही कहानियाँ
संजय मिश्रा, हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के एक प्रमुख अभिनेता, आज अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस अवसर पर, हम उनके जीवन की कुछ अनकही कहानियों पर नजर डालते हैं। संजय ने गंभीर अभिनय से लेकर कॉमेडी तक में अपनी छाप छोड़ी है, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब वे गुमनामी की जिंदगी जी रहे थे। जानें उनके संघर्ष, गुमनामी के दिनों और कमबैक की प्रेरणादायक कहानी।
Oct 6, 2025, 10:36 IST
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संजय मिश्रा का परिचय
हिंदी सिनेमा में कुछ ही ऐसे अभिनेता हैं जिन्होंने गंभीर अभिनय से लेकर हास्य तक दर्शकों के दिलों में अपनी छाप छोड़ी है। इनमें से एक हैं संजय मिश्रा। चाहे इमोशनल सीन हो या कॉमेडी, संजय ने हर भूमिका में जान डाल दी है। हालांकि, एक समय ऐसा भी आया जब वे गुमनामी की जिंदगी जी रहे थे। आज, 06 अक्टूबर को, संजय मिश्रा अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं। आइए उनके जीवन से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें जानते हैं...
जन्म और पारिवारिक पृष्ठभूमि
संजय मिश्रा का जन्म 06 अक्टूबर 1963 को बिहार के दरभंगा में हुआ। उनके पिता प्रेस सूचना ब्यूरो में सरकारी कर्मचारी थे। पिता के ट्रांसफर के बाद, उनका परिवार बनारस में बस गया और बाद में दिल्ली चला गया। दिल्ली में संजय ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में दाखिला लिया, जहां उन्होंने तीन साल तक अभिनय की बारीकियों को सीखा और फिर फिल्मों में करियर बनाने का निर्णय लिया।
गुमनामी का दौर
संजय मिश्रा ने 1995 में फिल्म 'ओह डार्लिंग ये है इंडिया' से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा। इसके बाद उन्होंने 'दिल से', 'फिर भी दिल है हिंदुस्तानी', 'राजकुमार', 'सत्या', 'अलबेला', और 'साथिया' जैसी कई फिल्मों में काम किया। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि कई फिल्मों में काम करने के बावजूद लोग उनका नाम नहीं जानते थे। उन्होंने एक मजेदार किस्सा साझा किया कि एक बार किसी ने उन्हें राजपाल यादव समझ लिया था, जो उनके लिए चौंकाने वाला था।
कमबैक की कहानी
एक समय ऐसा आया जब संजय ने एक्टिंग छोड़कर ढाबे पर खाना बनाने का काम शुरू कर दिया था। उन्होंने बताया कि उनकी तबियत खराब हो गई थी और अस्पताल में भर्ती होने के बाद, जब वह ठीक होकर घर आए, तो उनके पिता का निधन हो गया। इस दुखद घटना के बाद, उन्होंने परिवार और अभिनय दोनों को छोड़ दिया और ऋषिकेश में जाकर एक ढाबे पर काम करने लगे।
फिर, फिल्म निर्देशक रोहित शेट्टी ने उन्हें खोज निकाला। संजय ने फिल्म 'ऑल द बेस्ट' से वापसी की, जिसने उनके करियर को फिर से पटरी पर ला दिया। उन्होंने आर्टिस्टिक और कमर्शियल दोनों प्रकार की फिल्मों में काम किया है और अब तक 205 से अधिक फिल्मों में अपनी अदाकारी का जलवा दिखा चुके हैं।