सत्येंद्र जैन को मिली क्लीन चिट, भाजपा की साजिशों का हुआ पर्दाफाश

सत्येंद्र जैन को मिली क्लीन चिट
Satyendra Jain clean chit: दिल्ली के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता सत्येंद्र जैन को भ्रष्टाचार के एक मामले में अदालत से क्लीन चिट मिलने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की साजिशों का खुलासा हुआ है। सीबीआई ने लंबी जांच के बाद इस मामले में कोई भ्रष्टाचार नहीं पाया और सोमवार को क्लोजर रिपोर्ट पेश की। अदालत ने इस रिपोर्ट को स्वीकार करते हुए मामले को बंद कर दिया। इस निर्णय के बाद आप के नेताओं ने भाजपा पर तीखा हमला किया और इसे राजनीतिक साजिश बताया।
सीबीआई की जांच का परिणाम
सीबीआई ने 2017 में सत्येंद्र जैन के खिलाफ पीडब्ल्यूडी में भर्तियों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। आरोप था कि टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता हुई। हालांकि, अदालत ने अपने आदेश में स्पष्ट किया कि सीबीआई की जांच में न तो आपराधिक साजिश, न सत्ता का दुरुपयोग, न आर्थिक लाभ और न ही सरकारी खजाने को नुकसान का कोई सबूत मिला। अदालत ने कहा, “प्रत्येक आधिकारिक निर्णय, जो नियमों का पालन नहीं करता, भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 के तहत अपराध नहीं माना जा सकता।” सीबीआई ने भी स्वीकार किया कि कोई ठोस सबूत नहीं मिला, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जा सके।
अरविंद केजरीवाल का बयान
अरविंद केजरीवाल का तीखा हमला: क्या यह न्याय है?
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने इस फैसले के बाद भाजपा पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने एक्स पर लिखा, “आप नेताओं के खिलाफ लगाए गए सारे केस झूठे हैं। समय के साथ सभी केसों में सच्चाई सामने आ जाएगी। हमारे ऊपर झूठे केस लगाकर हमें जेल भेजा गया। जिन लोगों ने यह झूठे केस लगाए, क्या उन सबको जेल नहीं भेजना चाहिए? हमें दिन-रात कीचड़ उछाला गया, हमारे परिवारों को पीड़ा झेलनी पड़ी, उस सबकी भरपाई? जब चाहा फर्जी केस कर दिया, जब चाहा जेल भेज दिया और जब मन किया ‘क्लोजर रिपोर्ट’ फाइल कर दी? क्या ये न्याय है?”
सौरभ भारद्वाज का बयान
सौरभ भारद्वाज ने खोली साजिश की परतें
दिल्ली आप के प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि यह मामला भाजपा की साजिश का हिस्सा था। उन्होंने बताया, “2017 में जब यह मामला सुर्खियों में आया, तब दावा किया गया कि सत्येंद्र जैन ने भ्रष्टाचार किया। सीबीआई ने टेंडर में गड़बड़ी का आरोप लगाया। एलजी ने भी दुर्भावना से जांच की अनुमति दी। सालों तक सत्येंद्र जैन, उनके परिवार और अधिकारियों को परेशान किया गया। लेकिन आठ साल बाद सीबीआई को कहना पड़ा कि कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ।” सौरभ ने बताया कि पीडब्ल्यूडी को वास्तुकारों की जरूरत थी। इसके लिए सार्वजनिक विज्ञापन जारी किया गया, जिसमें 1700 आवेदन आए। एक बाहरी कंपनी के जरिए आउटसोर्स कर्मचारियों को चुना गया, जिन्हें अस्थायी काम और सामान्य तनख्वाह दी गई। चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती गई और कोई भ्रष्टाचार नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “भाजपा नहीं चाहती थी कि दिल्ली में काम हो। इसलिए वास्तुकारों, सलाहकारों और इंटर्न्स को हटाया गया, मंत्रियों पर झूठे मुकदमे लादे गए।”
सीबीआई की रेड का परिणाम
सीबीआई की रेड भी रही बेकार
2019 में सीबीआई ने सत्येंद्र जैन के घर पर रेड मारी थी, लेकिन कई घंटों की तलाशी के बाद भी कोई सबूत नहीं मिला। सौरभ भारद्वाज ने कहा, “यह कोर्ट का आदेश भाजपा के लिए आईना है। यह दिखाता है कि केंद्र सरकार और उनके नियुक्त एलजी कैसे आप नेताओं को झूठे केसों में फंसाकर दिल्ली के विकास को रोकना चाहते हैं।”