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सलमान खान की नई फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' में एक्शन का धमाल

बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान की नई फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' चर्चा का विषय बनी हुई है। इस फिल्म में सलमान एक्शन से भरपूर दृश्यों में नजर आएंगे। फिल्म का निर्देशन अपूर्व लाखिया कर रहे हैं, और इसकी शूटिंग अगस्त में लद्दाख से शुरू होगी। जानें इस फिल्म की कहानी और सलमान के किरदार के बारे में।
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सलमान खान की नई फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' में एक्शन का धमाल

सलमान खान का नया प्रोजेक्ट

बॉलीवुड फिल्में: बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सलमान खान इन दिनों अपनी आगामी फिल्म 'बैटल ऑफ गलवान' को लेकर चर्चा में हैं। फिल्म 'सिकंदर' के बाद, इस प्रोजेक्ट की बातें तेज़ी से फैलने लगीं, जिससे पता चला कि सलमान एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं। हाल ही में, अभिनेता ने 'बैटल ऑफ गलवान' का एक मोशन पोस्टर साझा किया, जिसमें वह शानदार एक्शन सीन में दिखाई दे रहे हैं। इस पोस्टर ने फैंस की उत्सुकता को और बढ़ा दिया है। फिल्म का निर्देशन अपूर्व लाखिया कर रहे हैं, जिन्होंने फिल्म के बिहाइंड द सीन वीडियो को भी साझा किया। अब लोग यह सोचने लगे हैं कि क्या वाकई में सलमान की यह फिल्म इतनी एक्शन से भरी होगी।


डायरेक्टर द्वारा साझा किए गए वीडियो में एक धुंधली परछाईं नजर आती है, जो सलमान खान जैसी प्रतीत होती है। इसमें एक्शन कोरियोग्राफी की रिहर्सल दिखाई दे रही है, जिसे 'बैटल ऑफ गलवान' से जोड़ा जा रहा है। हालांकि, वीडियो में कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है, लेकिन फैंस ने तुरंत अनुमान लगा लिया कि यह शायद सलमान ही हैं। इस वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा गया है, "प्रैक्टिस से आप परफेक्ट होते हैं। नो पेन नो गेन..."। एक रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म की शूटिंग अगस्त में शुरू होगी, और इसका पहला सीन लद्दाख में शूट किया जाएगा। इसके बाद, मुंबई और फिर कश्मीर में शूटिंग का काम पूरा किया जाएगा। सलमान खान इस फिल्म में कर्नल बी संतोष बाबू का किरदार निभाएंगे।


यह फिल्म 2020 में भारत और चीन के बीच हुई झड़प पर आधारित है। यह लड़ाई समुद्र स्तर से 15,000 फीट की ऊंचाई पर लड़ी गई थी। यह झड़प लद्दाख के गलवान घाटी में हुई, जो एक विवादित क्षेत्र है। 15 जून को हुई इस घटना में दोनों देशों के सैनिकों की जान गई थी, और यह लगभग 45 वर्षों में पहली बार था जब सीमा पर जानें गईं। सबसे चौंकाने वाली बात यह थी कि इस लड़ाई में बंदूकों का इस्तेमाल नहीं हुआ, क्योंकि उस क्षेत्र में हथियारों के उपयोग की अनुमति नहीं थी। दोनों पक्षों के सैनिकों ने लाठी-डंडों और पत्थरों से आमने-सामने की लड़ाई लड़ी थी।