Newzfatafatlogo

सलीम पिस्टल: भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर

सलीम पिस्टल की कहानी एक साधारण ड्राइवर से खतरनाक हथियार सप्लायर बनने की है। उसने भारत में हथियारों की सबसे बड़ी सप्लाई चैन स्थापित की, जो गैंगस्टरों और बाहुबलियों को हथियार मुहैया कराती थी। उसकी गतिविधियों का संबंध पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से भी था। जानें कैसे उसने तस्करी की तकनीक सीखी और अपने नेटवर्क को फैलाया, जिससे वह भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर बन गया।
 | 
सलीम पिस्टल: भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर

सलीम पिस्टल का रहस्य

सलीम पिस्टल की कहानी एक साधारण व्यक्ति से लेकर एक खतरनाक अपराधी तक के सफर को दर्शाती है। उसने केवल सातवीं कक्षा तक पढ़ाई की और पेशे से ड्राइवर था, लेकिन उसकी असली पहचान भारत में हथियारों की सबसे बड़ी सप्लाई चैन के निर्माणकर्ता के रूप में थी। यह नेटवर्क न केवल देश के गैंगस्टरों और बाहुबलियों को हथियार मुहैया कराता था, बल्कि इसके तार पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी और अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से भी जुड़े थे।


हथियारों की तस्करी की शुरुआत

सलीम ने अपने काम की शुरुआत कार और ट्रक के टायरों में हथियार छिपाकर भारत लाने से की। पाकिस्तान से भारत आने वाली समझौता एक्सप्रेस ट्रेन भी उसकी तस्करी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई, जिसके जरिए पिस्तौल और रायफल दिल्ली तक पहुंचाई जाती थीं। जब सुरक्षा एजेंसियों ने इस रूट पर ध्यान दिया, तो उसने नेपाल का रास्ता अपनाया। वहां से ट्रांसफार्मर के पुर्जों और कार के स्पेयर पार्ट्स में हथियार छिपाकर भारत भेजे जाने लगे। काठमांडू एयरपोर्ट पर उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि उसके कंसाइनमेंट बिना चेकिंग के निकल जाते थे।


गैंगस्टरों का प्रमुख सप्लायर

दिल्ली पुलिस के अनुसार, सलीम के ग्राहक बेहद खतरनाक थे। लॉरेंस बिश्नोई और हाशिम बाबा जैसे कुख्यात गैंगस्टर उससे हथियार खरीदते थे। उत्तर प्रदेश के कुछ बाहुबलियों ने भी उसके माध्यम से पाकिस्तान से आने वाले हथियारों की खरीदारी की। यह भी सामने आया कि उसने एक बाहुबली को एम-5 रायफल सप्लाई की थी, जो बुलेटप्रूफ गाड़ियों को भी चीर सकती है।


आतंकवाद और अंडरवर्ल्ड के बीच की कड़ी

स्पेशल सेल की रिपोर्ट के अनुसार, सलीम केवल गैंगस्टरों का सप्लायर नहीं था। वह आतंकवाद और अंडरवर्ल्ड के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी था। पाकिस्तान की आईएसआई उसे एक महत्वपूर्ण एसेट मानती थी और उसका नेटवर्क सीधे दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी से जुड़ा था। कई वर्षों तक, उसने पाकिस्तान, नेपाल, दुबई और थाईलैंड में नए नाम और पहचान के साथ अपना धंधा जारी रखा।


दिल्ली से कराची तक का सफर

सलीम का जन्म और परवरिश दिल्ली के जाफराबाद में हुई। उसके पिता मजदूरी करते थे और उसने खुद ड्राइवर बनने का निर्णय लिया। 2010 में, वह पहली बार कराची गया, जहां उसका भतीजा पहले से हथियारों के धंधे में था। यहीं से उसने तस्करी की तकनीक सीखी और लौटकर अपने नेटवर्क को इतना फैला दिया कि वह भारत का सबसे बड़ा हथियार सप्लायर बन गया। अब दिल्ली पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां उससे पूछताछ कर रही हैं, और माना जा रहा है कि उसके पास ऐसे राज हैं जो भारत, नेपाल और पाकिस्तान के हथियार तस्करी नेटवर्क की परतें खोल सकते हैं।