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सामंथा रूथ प्रभु की प्राइवेट शादी: धर्म परिवर्तन की अटकलें

सामंथा रूथ प्रभु ने हाल ही में फिल्म निर्देशक राज निदिमोरू के साथ एक प्राइवेट समारोह में शादी की। इस शादी में हिंदू रीति-रिवाजों का पालन किया गया, जिससे सोशल मीडिया पर यह चर्चा शुरू हो गई कि क्या सामंथा ने अपने पति का धर्म अपनाया है। जानें उनके आध्यात्मिक सफर और इस शादी के पीछे की कहानी।
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सामंथा रूथ प्रभु की प्राइवेट शादी: धर्म परिवर्तन की अटकलें

सामंथा की शादी की खास बातें


साउथ फिल्म इंडस्ट्री की मशहूर अभिनेत्री सामंथा रूथ प्रभु ने 1 दिसंबर 2025 को फिल्म निर्देशक राज निदिमोरू के साथ दूसरी शादी की। यह समारोह बेहद निजी था, जिसमें केवल लगभग तीस लोग शामिल हुए। सामंथा की लाल साड़ी में सजी तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गईं, और उनके फैंस ने उनकी सादगी और सुंदरता की प्रशंसा की।


धर्म परिवर्तन की चर्चा

हालांकि, इन तस्वीरों के अलावा, सामंथा की शादी का एक और पहलू चर्चा का विषय बन गया, जो कि हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार संपन्न होना था। इसके चलते सोशल मीडिया पर सवाल उठने लगे कि क्या उन्होंने अपने पति का धर्म अपनाया है।


सामंथा का पालन-पोषण एक क्रिश्चियन परिवार में हुआ है। उनकी पहली शादी नागा चैतन्य से 2017 में हुई थी, जिसमें हिंदू और क्रिश्चियन दोनों परंपराओं का पालन किया गया था। यह दोनों परिवारों की धार्मिक पृष्ठभूमि का सम्मान करने का एक तरीका था। हालांकि, कुछ मीडिया पोर्टल्स का दावा है कि सामंथा ने राज निदिमोरू से विवाह के बाद क्रिश्चियनिटी छोड़कर हिंदू धर्म अपनाया है या कम से कम आध्यात्मिक रूप से हिंदू दर्शन की ओर झुक गई हैं। लेकिन इस पर सामंथा की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।


सामंथा का आध्यात्मिक सफर

उनकी शादी ईशा फाउंडेशन में हिंदू रीति-रिवाजों के साथ संपन्न हुई। फैंस इसे सामंथा की धार्मिक यात्रा का संकेत मानते हैं, लेकिन बिना आधिकारिक पुष्टि के इन अटकलों को तथ्य नहीं माना जा सकता।


सामंथा का आध्यात्मिक सफर नया नहीं है। 2021 में नागा चैतन्य से तलाक और मायोसिटिस जैसी बीमारी से जूझने के बाद, उन्होंने कई बार बताया कि आध्यात्मिक अभ्यास ने उन्हें कठिन समय में सहारा दिया। वे अक्सर मंदिर जाती रहीं, पूजा रूम की तस्वीरें साझा करती रहीं और अपने घर में ईशा फाउंडेशन की लिंग भैरवी मूर्ति की तस्वीरें पोस्ट करती रहीं।


फैंस का मानना है कि यह सब उनके धार्मिक बदलाव का संकेत हो सकता है, लेकिन यह भी संभव है कि यह उनकी निजी आध्यात्मिक यात्रा का हिस्सा हो, जो कई लोग अपने जीवन में बिना धर्म बदले अपनाते हैं।