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सितारे जमीन पर: आमिर खान की नई फिल्म का गहराई से विश्लेषण

आमिर खान की नई फिल्म 'सितारे जमीन पर' एक प्रेरणादायक कहानी है जो विशेष रूप से सक्षम बच्चों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने का प्रयास करती है। फिल्म की कहानी, गाने और स्टारकास्ट के प्रदर्शन पर एक गहराई से नजर डालते हुए, यह समीक्षा दर्शकों को फिल्म देखने के लिए प्रेरित करती है। जानें फिल्म के पहले और दूसरे भाग में क्या खास है और किस तरह से यह कहानी दर्शकों को प्रभावित करती है।
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सितारे जमीन पर: एक नई कहानी का आगाज़

सितारे जमीन पर फिल्म समीक्षा: रीमेक और एडॉप्टेशन, हिंदी सिनेमा में ये दोनों शब्द अक्सर चर्चा का विषय बनते हैं। फिल्म के रिलीज से पहले ही इसकी तुलना अन्य फिल्मों से शुरू हो जाती है। आमिर खान की 'लाल सिंह चड्ढा' के बाद, 'सितारे जमीन पर' दूसरी फिल्म है जो 2018 में आई स्पैनिश फिल्म 'चैंपियंस' की कहानी पर आधारित है। आमिर ने पहले इस फिल्म को सलमान खान के साथ बनाने का विचार किया था, लेकिन कहानी इतनी प्रभावशाली थी कि इसे छोड़ना आसान नहीं था। निर्देशक आर.एस. प्रसन्ना ने आमिर को समझाया और अब 'सितारे जमीन पर' दर्शकों के सामने आने को तैयार है।


'चैंपियंस' का भारतीय रूपांतरण

कहानी लगभग वही है जो 'चैंपियंस' में है। इसमें गुलशन अरोड़ा नामक एक आत्मकेंद्रित बास्केटबॉल कोच है, जो एक मैच के दौरान अपने सीनियर को घूंसा मारने के बाद सस्पेंड हो जाता है। इसके बाद, वह पुलिस की वैन से टकरा जाता है और उसे 90 दिनों की कम्यूनिटी सर्विस के तहत विशेष रूप से सक्षम बच्चों को बास्केटबॉल सिखाने की सजा दी जाती है। कोर्ट से लेकर कम्यूनिटी सेंटर तक, गुलशन इन बच्चों को बेकार समझता है।


कहानी में उलझनें

फिल्म के पहले भाग में गुलशन और उसकी पत्नी सुनीता के बीच बच्चों को लेकर अनबन की कहानी भी दिखाई जाती है। इस भाग में गुलशन का गुस्सा और उसकी उलझनें कहीं-कहीं दर्शकों को बांधती हैं, लेकिन कई जगहों पर यह भ्रमित भी करती हैं। हालांकि, लेखक दिव्य निधी शर्मा ने दूसरे भाग में सितारों की क्षमताओं को उजागर किया, जिससे पूरी फिल्म में एक नई रोशनी आ गई।


डर को पार करने की प्रेरक कहानी

इन बच्चों की खुशी और सकारात्मकता गुलशन के रिश्तों को सुधारने में मदद करती है। फिल्म में गुलशन की मां और कुक की कहानी भी है, जो टीम वर्क का महत्व समझाती है। गुलशन के डर को पार करने की कहानी भी एक महत्वपूर्ण सबक देती है।


गानों का प्रभाव

'सितारे जमीन पर' की लंबाई 2 घंटे 35 मिनट है, जिसमें पीएम मोदी का संदेश भी शामिल है। फिल्म की सिनेमैटोग्राफी और बैकग्राउंड स्कोर बेहतरीन हैं, लेकिन गाने उतने प्रभावी नहीं हैं। शंकर-एहसान-लोय के गाने अच्छे हैं, लेकिन थिएटर से बाहर निकलने के बाद याद नहीं रहते।


स्टारकास्ट का प्रदर्शन

आमिर खान ने गुलशन अरोड़ा के दो रूपों को बखूबी निभाया है। फिल्म के पहले भाग में उन्होंने अकेले ही फिल्म को संभाला, जबकि दूसरे भाग में टीम के साथ शानदार प्रदर्शन किया। जेनेलिया डिसूजा ने भी अपनी भूमिका में एक अलग स्पार्क लाया है।


फिल्म का समापन

सितारे जमीन पर को 3.5 स्टार दिए गए हैं। यह फिल्म विशेष रूप से सक्षम बच्चों को समझने और उनके प्रति संवेदनशीलता बढ़ाने का एक प्रयास है।


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