Newzfatafatlogo

सितारे ज़मीन पर: आमिर खान की नई फिल्म की समीक्षा

सितारे ज़मीन पर, आमिर खान की नई फिल्म, आज सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। यह फिल्म न्यूरोडाइवर्जेंट वयस्कों की कहानी को दर्शाती है और स्पैनिश फिल्म कैंपियोन्स की आधिकारिक हिंदी रीमेक है। कहानी में एक जूनियर बास्केटबॉल कोच की यात्रा को दिखाया गया है, जो एक विशेष टीम को कोचिंग देता है। फिल्म का संदेश समाज में समावेशिता और सहानुभूति को बढ़ावा देता है। जानें फिल्म की समीक्षा और इसके भावनात्मक पहलुओं के बारे में।
 | 
सितारे ज़मीन पर: आमिर खान की नई फिल्म की समीक्षा

सितारे ज़मीन पर का परिचय

सितारे ज़मीन पर, जो आज (20 जून) सिनेमाघरों में रिलीज हुई है, आमिर खान की 2007 की प्रसिद्ध फिल्म तारे ज़मीन पर का आध्यात्मिक सीक्वल है। इस फिल्म ने पहली बार डिस्लेक्सिया से प्रभावित बच्चों की कठिनाइयों को दर्शाया था। इस बार, आमिर खान न्यूरोडाइवर्जेंट वयस्कों की दुनिया की खोज करते हैं। यह कहानी स्पैनिश फिल्म कैंपियोन्स की आधिकारिक हिंदी रीमेक है, जिसे भारतीय संस्कृति और भावनाओं के अनुसार ढाला गया है।


कहानी और भावनात्मक गहराई

कहानी की शुरुआत गुलशन अरोड़ा (आमिर खान) से होती है, जो एक उत्साही लेकिन घमंडी जूनियर बास्केटबॉल कोच है। उसे उसके व्यवहार के कारण निलंबित कर दिया जाता है और सजा के तौर पर उसे न्यूरोडाइवर्जेंट युवाओं की बास्केटबॉल टीम को कोचिंग देने का कार्य सौंपा जाता है। शुरुआत में इस काम को अस्वीकार करने वाले गुलशन की यात्रा तब बदलती है जब वह टीम के खिलाड़ियों से मिलता है: सुनील, सतबीर, लोटस, गुड्डू, शर्मा जी, करीम, राजू, बंटू, गोलू और हरगोविंद, जो सभी अलग-अलग न्यूरोलॉजिकल स्थितियों से जूझ रहे हैं।


फिल्म का संदेश

फिल्म का केंद्रीय संदेश - "साहब, अपना-अपना नॉर्मल होता है" - सरलता और गहराई के साथ प्रस्तुत किया गया है। यह दर्शकों को सोचने पर मजबूर करता है कि समाज अक्सर उन लोगों को नजरअंदाज कर देता है जो "नॉर्मल" के मानक में फिट नहीं होते।


प्रदर्शन की समीक्षा

आमिर खान ने एक त्रुटिपूर्ण लेकिन उभरते हुए कोच के रूप में एक प्रभावशाली प्रदर्शन दिया है। सहायक कलाकारों में डॉली अहलूवालिया, ब्रिजेंद्र काला, जेनेलिया देशमुख और युवा खिलाड़ियों की टीम भी उतनी ही विश्वसनीय हैं। विशेष रूप से, डॉली ने गुलशन की देखभाल करने वाली माँ के रूप में कहानी में भावनात्मक गहराई जोड़ी है।


फिल्म की कमी

हालांकि सितारे ज़मीन पर एक दिल से बनाई गई फिल्म है, लेकिन यह हमेशा दर्शकों के दिलों तक नहीं पहुँच पाती। तारे ज़मीन पर के भावनात्मक उतार-चढ़ाव यहाँ कम प्रभावी लगते हैं। आप कुछ हिस्सों में मुस्कुरा सकते हैं और रो भी सकते हैं, लेकिन फिल्म आपको अपनी भावनात्मक दुनिया में पूरी तरह से डुबो नहीं पाती।


निष्कर्ष

सितारे ज़मीन पर एक नेक इरादे वाली फिल्म है जो आपको मुस्कुराने पर मजबूर करती है और कई बार गले में गांठ महसूस कराती है। हालांकि, इसमें तारे ज़मीन पर जैसा गहरा प्रभाव नहीं है। फिर भी, यह एक योग्य फिल्म है जो सहानुभूति और समावेश को बढ़ावा देती है। यह आपको सोचने पर मजबूर कर देगी, और कभी-कभी, यही काफी होता है।


फिल्म का विवरण

फिल्म का नाम: सितारे ज़मीन पर
आलोचकों की रेटिंग: 3/5
रिलीज़ की तारीख: 20/04/24
निर्देशक: आरएस प्रसन्ना
शैली: भावनात्मक ड्रामा