सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे: भारत का दूसरा सबसे लंबा मार्ग तैयार

सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे: भारत का दूसरा सबसे लंबा मार्ग
सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे: भारत का दूसरा सबसे लंबा मार्ग तैयार! यह एक्सप्रेसवे 1271 किलोमीटर लंबा है और देश के पश्चिमी और दक्षिणी क्षेत्रों को जोड़ने का कार्य करेगा।
इस मार्ग के निर्माण से यात्रा का समय आधा हो जाएगा, साथ ही व्यापार और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा। आइए, इस महत्वपूर्ण परियोजना के बारे में विस्तार से जानते हैं।
छह राज्यों को जोड़ने वाला अद्वितीय मार्ग
यह एक्सप्रेसवे गुजरात, महाराष्ट्र, कर्नाटक, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु जैसे छह राज्यों से होकर गुजरेगा। यह तिरुपति, कडपा, कुर्नूल, कलबुर्गी, सोलापुर, अहमदनगर और नासिक जैसे प्रमुख शहरों को भी जोड़ता है।
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) इस परियोजना को भारतमाला योजना के तहत विकसित कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर 2021 में इसकी आधारशिला रखी थी, और इसे दिसंबर 2025 तक पूरा करने की योजना है।
यात्रा का समय होगा आधा
सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे के निर्माण के बाद, सूरत से चेन्नई की दूरी 1600 किलोमीटर से घटकर 1271 किलोमीटर रह जाएगी। वर्तमान में इस दूरी को तय करने में 36 घंटे लगते हैं, लेकिन नए मार्ग से यह समय केवल 18 घंटे रह जाएगा।
इसकी गति सीमा 120 किमी प्रति घंटा होगी, जो यात्रियों के लिए तेज और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करेगी। प्रारंभ में यह 4 लेन का होगा, लेकिन भविष्य में इसे 6 या 8 लेन में विस्तारित किया जा सकता है।
व्यापार और पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
यह एक्सप्रेसवे न केवल यात्रा को सुगम बनाएगा, बल्कि आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देगा। गुजरात, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों में व्यापार में वृद्धि होगी।
कर्नाटक और तमिलनाडु में पर्यटन को भी नई ऊंचाइयां मिलेंगी, विशेषकर तिरुपति जैसे धार्मिक स्थलों और पश्चिमी घाट के खूबसूरत क्षेत्रों में। इस परियोजना की अनुमानित लागत 50 हजार करोड़ रुपये है, जो क्षेत्रीय विकास में निवेश का प्रतीक है।
एक नई उम्मीद, एक नया भविष्य
सूरत-चेन्नई एक्सप्रेसवे देश के बुनियादी ढांचे में एक नई क्रांति लाएगा। यह परियोजना न केवल समय की बचत करेगी, बल्कि लोगों के जीवन को भी सरल और समृद्ध बनाएगी।
दिसंबर 2025 तक इसके पूरा होने की संभावना है, और यह भारत के पश्चिमी और दक्षिणी हिस्सों को जोड़ने का एक महत्वपूर्ण मार्ग बनेगा। यह एक्सप्रेसवे नई संभावनाओं के द्वार खोलेगा, जो आने वाले वर्षों में देश की प्रगति को गति देगा।