मध्यप्रदेश में औद्योगिक विकास के स्वर्ण युग का सुप्रभात


- संपतिया उइके
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मुख्य आतिथ्य में आयोजित ऐतिहासिक ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट डॉ. मुख्यमंत्री मोहन यादव के उस शुभ संकल्प का सुखद प्रतिफल है जो आज से सवा साल पूर्व पहली बार मुख्यमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने के तत्काल बाद उन्होंने लिया था। मुझे याद है कि मुख्यमंत्री के उस संकल्प को बहुत गंभीरता से नहीं लिया गया। परंतु, राजधानी भोपाल में आयोजित हो रही भव्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट इस बात की परिचायक है कि मध्यप्रदेश को देश के प्रगतिशील राज्यों की कतार में अग्रणी स्थान का अधिकारी बनाने के लिए कृत-संकल्प मुख्यमंत्री के अंदर वह इच्छा शक्ति कूट-कूट कर भरी है जो किसी भी सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय संकल्प की पूर्ति की पहली शर्त होती है।
दरअसल मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपना पदभार संभालते ही राज्य के द्रुतगामी औद्योगिक विकास के अपने सुनहरे स्वप्न को साकार करने की अभिलाषा की पूर्ति के लिए राज्य में क्षेत्रीय निवेशक सम्मेलनों की श्रंखला आयोजित करने की जो पहल की है, उसके सुखद परिणामों से यह संकेत मिलने लगे हैं कि मध्यप्रदेश अब औद्योगिक विकास के स्वर्ण युग की दहलीज पर पहुंच चुका है। मुख्यमंत्री के कुशल मार्गदर्शन में संपन्न होने जा रही इस भव्य ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट ने आज राजधानी को मध्यप्रदेश के औद्योगिक विकास के स्वर्ण युग के सुप्रभात का साक्षी बनने का अवसर प्रदान किया है। यह भी संभवतः प्रथम अवसर है जब प्रधानमंत्री ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के आयोजन के एक दिन पूर्व भोपाल पहुंचकर राज्य के सांसदों और विधायकों से अनूठा संवाद करेंगे। निश्चित रूप से यह संवाद मध्यप्रदेश के बहुमुखी विकास की नई संभावनाएं तलाशने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मध्यप्रदेश आज आर्थिक क्रांति के एक नए युग में प्रवेश कर रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की उपस्थिति में जब ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2025 का शुभारंभ हो रहा है, तब यह आयोजन न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के औद्योगिक विकास को नई ऊंचाइयों तक ले जाने वाला साबित होगा। इस समिट के माध्यम से मध्यप्रदेश वैश्विक निवेश केंद्र के रूप में उभरने के लिए तैयार है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने नई उद्योग नीति, लॉजिस्टिक हब, पर्यटन प्रोत्साहन और सौर ऊर्जा नीति के रूप में ऐसे निर्णायक कदम उठाए हैं, जो इस आयोजन को जमीनी धरातल पर सफल बनाएंगे।
प्रधानमंत्री मोदी की 'मेक इन इंडिया' और 'स्टार्ट-अप इंडिया' पहल का प्रभाव
प्रधानमंत्री श्री मोदी की मेक इन इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया, डिजिटल इंडिया और आत्मनिर्भर भारत जैसी योजनाओं ने देश में औद्योगिक विकास को नया आयाम दिया है। जीआईएस-2025 इन पहलों को प्रदेश में लागू करने के लिए ठोस मंच प्रदान कर रहा है।
मेक इन इंडिया: मध्यप्रदेश में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश आकर्षित किया जा रहा है। पीथमपुर (इंदौर), मंडीदीप (भोपाल), मालनपुर (ग्वालियर), मेघनगर (झाबुआ) जैसे औद्योगिक हब इस अभियान को गति दे रहे हैं।
स्टार्ट-अप इंडिया: इंदौर और भोपाल में आईटी और स्टार्ट-अप हब विकसित किए जा रहे हैं, जिससे प्रदेश में इनोवेशन और नई तकनीक आधारित उद्यमिता को प्रोत्साहन मिलेगा।
मध्यप्रदेश सरकार की नई उद्योग नीति: निवेशकों के लिए स्वर्णिम अवसर
मुख्यमंत्री डॉ. यादव जी के नेतृत्व में प्रदेश सरकार ने नई उद्योग नीति को लागू किया है, जिससे देश-विदेश के निवेशकों को आकर्षित किया जा सके। कैबिनेट में लिए गए निर्णयों के तहत उद्योगों को सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम के तहत त्वरित मंजूरी दी जाएगी ईज ऑफ डूइंग बिजनेस रैंकिंग में सुधार के लिए नीतिगत बदलाव किए गए हैं। निवेशकों को कस्टमाइज़्ड पैकेज दिए जाएंगे, जिससे प्रदेश में विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) का प्रवाह तेज होगा।
मध्यप्रदेश खनिज संपदा और लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित हो रहा है। प्रदेश की समृद्ध खनिज संपदा के दोहन और लॉजिस्टिक सेक्टर में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने नई नीतियां लागू की हैं। बालाघाट में तांबा और मैंगनीज उद्योग, पन्ना में हीरा उद्योग, सतना-कटनी में सीमेंट उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए योजनाएं बनाई गई हैं। इंदौर और भोपाल को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिससे व्यापार और निर्यात को गति मिलेगी। रेल, सड़क और एयर कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए नई परियोजनाएं लाई गई हैं।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई पहल
मध्यप्रदेश अपनी ऐतिहासिक और प्राकृतिक धरोहर के लिए प्रसिद्ध है। प्रदेश सरकार ने पर्यटन को औद्योगिक विकास से जोड़ने के लिए नई योजनाएं लागू की हैं। धार्मिक पर्यटन में उज्जैन (महाकाल लोक), चित्रकूट, ओंकारेश्वर और अमरकंटक जैसे तीर्थस्थलों को विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है। वाइल्डलाइफ टूरिज्म में कान्हा, बांधवगढ़, सतपुड़ा और पेंच नेशनल पार्क को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा दिया जा रहा है। एडवेंचर और इको-टूरिज्म में पचमढ़ी, भीमबेटका और मांडू जैसे स्थानों में पर्यटन सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। फिल्म सिटी के तौर पर मध्यप्रदेश में फिल्म टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भोपाल और उज्जैन में फिल्म सिटी निर्माण की योजना बनाई जा रही है।
सौर ऊर्जा नीति: अक्षय ऊर्जा में आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ता मध्यप्रदेश
मध्यप्रदेश ने सौर ऊर्जा नीति के तहत अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। रीवा सोलर प्लांट के बाद अब प्रदेश में ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर प्लांट स्थापित किया जा रहा है। पवन और सौर ऊर्जा में निवेश आकर्षित करने के लिए सरकार ने नई नवकरणीय ऊर्जा नीति लागू की है। राज्य सरकार वर्ष 2030 तक मध्यप्रदेश को ग्रीन एनर्जी हब बनाने की योजना पर कार्य कर रही है।
जीआईएस-2025 : मध्यप्रदेश के उज्जवल भविष्य की ओर एक निर्णायक कदम
जीआईएस-2025 में जर्मनी, जापान, स्विट्जरलैंड, मलेशिया, यूनाइटेड किंगडम, पोलैंड, नीदरलैंड और कनाडा जैसे देशों के निवेशकों की भागीदारी दर्शाती है कि मध्यप्रदेश अब वैश्विक औद्योगिक केंद्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। प्रधानमंत्री श्री मोदी की प्रेरणा और मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में यह आयोजन प्रदेश के उद्योग जगत को एक नई दिशा देगा। मध्यप्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में एक मजबूत औद्योगिक शक्ति के रूप में उभर रहा है। नई उद्योग नीति, लॉजिस्टिक हब, पर्यटन, खनिज संपदा और अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में किए गए प्रयास जीआईएस-2025 को जमीनी धरातल पर सफल बनाएंगे। यह आयोजन न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के औद्योगिक भविष्य को एक नई दिशा देगा।
जीआईएस-2025 के माध्यम से मध्यप्रदेश वैश्विक निवेश से औद्योगिक मानचित्र पर अपनी मजबूत पहचान स्थापित करेगा और आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को साकार करने की दिशा में ऐतिहासिक कदम उठाएगा।
(लेखिका प्रदेश की लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री हैं)
---------------
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ. मयंक चतुर्वेदी