इथेनॉल ब्लेंडिंग से किसानों को मिल रहा लाभ, विदेशी मुद्रा की बचत

इथेनॉल ब्लेंडिंग का लाभ
नई दिल्ली: सरकार इथेनॉल ब्लेंडिंग के माध्यम से देश के कच्चे तेल के आयात को कम कर रही है, जिससे विदेशी मुद्रा की महत्वपूर्ण बचत हो रही है। इसके साथ ही, किसानों को भी इसका बड़ा लाभ मिल रहा है।
केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने रविवार को जानकारी दी कि इथेनॉल ब्लेंडिंग कार्यक्रम के तहत पिछले 11 वर्षों में सरकार ने किसानों को 1,18,126 करोड़ रुपए से अधिक का भुगतान किया है।
उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया के माध्यम से 1,36,655 करोड़ रुपए विदेशों में जाने से बचाए गए हैं, जिससे देश को विदेशी मुद्रा की बचत में मदद मिली है।
इथेनॉल का उपयोग 232 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल के विकल्प के रूप में किया गया है, जिससे कार्बन उत्सर्जन में 698 लाख मीट्रिक टन की कमी आई है।
हरदीप सिंह पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में लिखा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में इथेनॉल नए भारत के विकास का इंजन बन रहा है।
इसमें हर एक बूंद में किसान का स्वाभिमान और सम्मान है, जिससे वे आर्थिक रूप से मजबूत हो रहे हैं। हमने 20 प्रतिशत इथेनॉल ब्लेंडिंग के लक्ष्य को समय से पहले हासिल कर लिया है।"
उन्होंने यह भी बताया कि ई20 (इथेनॉल-मिश्रित पेट्रोल) अब सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों - इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम - के सभी रिटेल आउटलेट्स पर उपलब्ध है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत ने 2025 की शुरुआत में पेट्रोल में 20 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य हासिल कर लिया है, जो 2030 की निर्धारित समय सीमा से छह साल पहले है, और यह स्वच्छ ईंधन की दिशा में देश की प्रगति को दर्शाता है।