काले टमाटर की खेती: जानें इसके लाभ और विधि

काले टमाटर की विशेषताएँ
काले टमाटर, जिसे इंडिगो रोज टोमेटो के नाम से भी जाना जाता है, एक अनोखी किस्म है। आमतौर पर टमाटर का रंग लाल समझा जाता है, लेकिन काले टमाटर का रंग काला होता है, जबकि इसका अंदरूनी भाग लाल होता है। भारत में अब इस किस्म की खेती तेजी से बढ़ रही है।
काले टमाटर की खेती कैसे करें
- काले टमाटर की बुवाई के लिए दिसंबर और जनवरी का समय सबसे उपयुक्त होता है।
- किसान को मिट्टी को अच्छी तरह से जुताई करनी चाहिए और फिर उसमें बीज बोने चाहिए।
- मिट्टी का पीएच स्तर 6 से 7 के बीच होना चाहिए।
- लगभग 7 से 8 दिन बाद, छोटे पौधों को 2-2 फिट की दूरी पर रोपें। ये पौधे लाल टमाटर की तुलना में थोड़े अधिक समय लेते हैं।
- मार्च और अप्रैल में काले टमाटर के पौधे उगने लगते हैं।
काले टमाटर के स्वास्थ्य लाभ
- यह टमाटर विटामिन ए और सी से भरपूर होता है, जो आंखों की रोशनी बढ़ाने में मदद करता है।
- दिल के रोगियों के लिए भी यह फायदेमंद है।
- कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों की रोकथाम में भी यह सहायक है।
- इसकी खेती करने वाले किसान कम समय में अधिक लाभ कमा सकते हैं।
काले टमाटर की विशेषताएँ
काले टमाटर की बीज शुरुआत में हल्के काले होते हैं और पकने पर गहरे काले हो जाते हैं। ये जल्दी खराब नहीं होते और कई दिनों तक ताजे बने रहते हैं। इनका स्वाद लाल टमाटर से थोड़ा अलग और नमकीन होता है।
काले टमाटर की खेती का इतिहास
काले टमाटर की खेती की शुरुआत इंग्लैंड में हुई थी, जहां इसे इंडिगो रोज टोमेटो कहा जाता है। यूरोप में इसे सुपरफूड के रूप में देखा जाता है। भारत में, हिमाचल प्रदेश में इसकी खेती शुरू हुई, और अब अन्य राज्यों के किसान भी इसे उगाने लगे हैं।
मुनाफा
काले टमाटर की खेती से किसान 4 से 5 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर का शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं। वर्तमान में, बाजार में काले टमाटर की कीमत लगभग 100 से 150 रुपये प्रति किलो है।