दिल को छू लेने वाली मां पर शायरी: जितिया 2025 के लिए विशेष

मां पर दिल को छूने वाली शायरी
मां पर शायरी: दिल को छू लेने वाली कविताएं: जितिया 2025 पर पढ़ें 13 खास शेर!
: नई दिल्ली: आज जितिया व्रत का पवित्र अवसर है। इस दिन माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास रखती हैं।
मां का प्यार ऐसा होता है, जो हर कठिनाई में ढाल बनकर खड़ा रहता है। वह अपने बच्चों के लिए हर दुख सहन करती है, लेकिन उन्हें कभी भी आंच नहीं आने देती। मां के इस अनमोल प्यार को शब्दों में व्यक्त करना आसान नहीं है, फिर भी प्रसिद्ध शायरों ने मां की ममता पर दिल को छूने वाले शेर लिखे हैं। आइए, जितिया 2025 के इस अवसर पर पढ़ते हैं मां के लिए कुछ खूबसूरत शायरी।
दिलकश शायरी मां के लिए
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकान आई, मैं घर में सबसे छोटा था, मेरे हिस्से में मां आई। – मुनव्वर राना
दुआ को हाथ उठाते हुए लरज़ता हूँ, कभी दुआ नहीं मांगी थी मां के होते हुए। – इफ्तिखार आरिफ
इस तरह मेरे गुनाहों को वो धो देती है, मां बहुत गुस्से में होती है तो रो देती है। – मुनव्वर राना
मां के लिए बेहतरीन शायरी
4. एक मुद्दत से मेरी मां नहीं सोई 'ताबिश', मैंने एक बार कहा था मुझे डर लगता है। – अब्बास ताबिश
5. चलती फिरती हुई आंखों से अज़ां देखी है, मैंने जन्नत तो नहीं देखी है, मां देखी है। – मुनव्वर राना
6. मां के बिना ज़िंदगी सूनी, जैसे बस्ती बिना पानी, उसके आंचल की छांव में ही तो बसती है जिंदगानी। – अज्ञात
मां की ममता पर शायरी
7. मां ने मुझे देखा तो थकन भूल गई है, शहर के रास्ते हों या गांव की पगडंडियां। – मुनव्वर राना
8. मां की गोद में सुलाए हुए कितने दिन बीते, अब तो नींद भी उसकी याद में ही आती है। – बशीर बद्र
9. मैंने जो मां पर लिखा है, वही काफी होगा, नेकियां गिनने की नौबत ही नहीं आएगी। – मुनव्वर राना
10. वो एक मां ही थी जो मेरे लिए जागी रातों को, बाकी सबने तो बस मुझसे अपने मतलब रखे। – अज्ञात
भावुक शायरी मां के लिए
11. मां की दुआएं ही बचा लेती हैं हर मुसीबत से, वो आंचल है जिसमें छुपा है सारा जहां। – मुनव्वर राना
12. मां के बिना घर आँगन वीरान सा लगता है, वो एक दीया थी, जिसका उजाला अब नहीं। – अज्ञात
13. मां की ममता का कोई मोल नहीं इस दुनिया में, वो खजाना है जो कभी खाली नहीं होता। – अज्ञात
जितिया व्रत 2025 का महत्व
इन खूबसूरत शेरों में मां की ममता और त्याग की कहानी बयां होती है। जितिया व्रत 2025 के इस खास मौके पर इन शायरी को अपनी मां को समर्पित करें और उनका आशीर्वाद लें।